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    Nag Panchami 2025: नाग पंचमी पर नहीं बनाना रोटी-पराठा, जान लीजिए इससे जुड़े धार्मिक कारण

    Updated: Mon, 28 Jul 2025 12:51 PM (IST)

    सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और नाग देवता की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन कुछ काम करने की मनाही होती है जैसे कि तवे का प्रयोग करना क्योंकि इससे राहु का नकारात्मक प्रभाव बढ़ सकता है। राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से मानसिक तनाव और आर्थिक नुकसान हो सकता है।

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    तवे को राहु का प्रतीक माना जाता है। इस दिन रोटी बनाने से जीवन में राहु-केतु का प्रभाव बढ़ता है।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नाग पंचमी का त्योहार बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। इस साल नाग पंचमी का पर्व 29 जुलाई 2025 को मंगलवार के दिन मनाया जाएगा।

    ब्रह्म पुराण के अनुसार, ब्रह्मा जी ने नाग पंचमी के दिन सांपों को पूजे जाने का वरदान दिया था। इस तिथि भगवान शिव के साथ-साथ नाग देवता की पूजा विधि-विधान से की जाती है। लिहाजा, ऐसे कुछ काम हैं, जिन्हें नाग पंचमी पर करने की मनाही है। 

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    नहीं चढ़ाना चाहिए तवा 

    इन कामों को करने से दोष लग सकता है, जिससे जीवन में सुख-चैन छिन सकता है। इस तिथि पर घरों में विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं, लेकिन कच्चा खाना जैसे रोटी या पराठा नहीं बनाया जाता है। इसकी वजह है कि इस दिन लोहे का प्रयोग नहीं किया जाता है, खासतौर पर तवे का। 

    इसलिए इस दिन रोटी या पराठा नहीं बनाया जाता है। दरअसल, यह दिन नागों को समर्पित होता है। लिहाजा, इस दिन राहु-केतु जैसे छाया ग्रह और सर्प दोष से संबंधित योग शक्तिशाली हो जाते हैं। ज्योतिष में राहु-केतु को सर्प का प्रतीक माना जाता है। 

    तवे को राहु का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इस दिन तवे का प्रयोग करने से राहु के नकरात्मक प्रभाव बढ़ सकते हैं। इसके चलते जीवन में अचानक से आने वाली बाधाएं और परेशानियां पैदा हो सकती हैं। तवे को नाग के फन से जोड़कर भी देखा जाता है।

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    राहु-केतु से होती हैं ये परेशानी

    राहु और केतु की कुंडली में अशुभ स्थिति होने पर कई तरह की परेशानियां आ सकती हैं। इनमें मानसिक तनाव, आर्थिक नुकसान, पारिवारिक कलह, स्वास्थ्य समस्याएं, और जीवन में रुकावटें शामिल हैं। राहु से बनने वाले दोष के कारण व्यक्ति को धोखा मिल सकता है या वह मानसिक रूप से भ्रमित रह सकता है। 

    इसके साथ ही वह बुरी संगत या गलत कामों को करने के लिए उद्धत हो जाता है। मानसिक तनाव, चिंता, और बेचैनी का कारण बन सकता है। वहीं, केतु व्यक्ति को निराशावादी, उदास, और नकारात्मक बना सकता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।