Nag Panchami 2025: कालसर्प दोष से हैं पीड़ित, नोट कीजिए नाग पंचमी पर छुटकारा पाने के उपाय
Nag Panchami 2025 नाग पंचमी का त्योहार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इस दिन महादेव के साथ सांपों की पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से मनोवांछित फल मिलता है। यदि आप कालसर्प दोष से पीड़ित हैं तो इस दिन कुछ विशेष उपाय कर सकते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस साल नाग पंचमी का त्योहार मंगलवार 29 जुलाई को मनाया जाएगा। इस दिन देवाधिदेव महादेव की पूजा करने के साथ ही सांपों की पूजा करने का विधान है।
कहते हैं इस दिन महादेव की पूजा करने और सांपों की पूजा करने से व्यक्ति मनोवांछित फल पा सकता है। वहीं, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष बन रहा है, तो नागपंचमी का दिन उसके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है।
इस दिन कुछ विशेष उपाय करके इस प्रभाव को खत्म किया जा सकता है या उसके प्रभाव को काम किया जा सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में…

कब बनता है कालसर्प दोष
जब राहु और केतु के बीच में सभी ग्रह आते हैं, तो कालसर्प दोष बनता है। इस दोष से पीड़ित व्यक्ति के जीवन में कई तरीके की कठिनाइयों और परेशानियां आती हैं। करियर में ग्रोथ नहीं हो पाती।
आर्थिक और मानसिक समस्याओं से व्यक्ति जूझता रहता है। ऐसे में नाग पंचमी के दिन कुछ विशेष उपाय करने से कालसर्प दोष सहित अन्य सर्प दोष के प्रभाव को खत्म कर सकते हैं।
ये उपाय करें
नाग पंचमी के दिन श्री सर्प सूक्त का पाठ करने से कालसर्प दोष का प्रभाव खत्म होता है और जीवन में आ रही कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है।
नाग पंचमी के दिन से रोज माथे पर चंदन का तिलक लगाना शुरू कर दें। ऐसा करने से मस्तिष्कों को शांति मिलती है और राहु-केतु के प्रभाव को भी काम किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें- Nag Panchami 2025: जुलाई में कब है नाग पंचमी, जरूर रखें इन बातों का ध्यान
किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेकर कालसर्प दोष निवारण पूजा नागपंचमी के दिन करवाने से भी विशेष लाभ मिलता है।
नाग पंचमी के दिन से नियमित रूप से भगवान शिव की पूजा करने और महामृत्युंजय मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से भी कालसर्प दोष से राहत मिलती है।
चांदी से बने नाग-नागिन के जोड़े को किसी पवित्र नदी में प्रवाहित करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। यदि चांदी नहीं खरीद पा रहे हैं, तो तांबे के नाग-नागिन का जोड़ा प्रवाहित करें।
यह भी पढ़ें- 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने का फल देती है योगिनी एकादशी, क्या इस बार रहेगा भद्रा का असर
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।