Masik Durgashtami 2025: मासिक दुर्गाष्टमी पर करें नवदुर्गा स्तोत्र का पाठ, सभी संकट होंगे दूर
हर महीने में दुर्गाष्टमी का व्रत विधिपूर्वक किया जाता है। इस दिन जगत की देवी मां दुर्गा (Masik Durgashtami 2025 Puja Vidhi) की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही विशेष चीजों का दान करना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि इन कामों को करने से सभी पापों से छुटकारा मिलता है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति होती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Durgashtami 2025: हर महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस अवसर पर मां दुर्गा की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही सभी सुखों की प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि मां दुर्गा की उपासना करने से आय, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है और देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन पूजा के दौरान नवदुर्गा स्तोत्र का पाठ जरूर करना चाहिए। इससे मां दुर्गा अपने भक्तों पर कृपा बनाए रखती हैं। साथ ही संकट दूर होते हैं।
मासिक दुर्गाष्टमी शुभ मुहूर्त (Masik Durga Ashtami Shubh Muhurat)
पौष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 06 जनवरी को संध्याकाल 06 बजकर 23 मिनट पर प्रारंभ होगी और समाप्ति 07 जनवरी को शाम 04 बजकर 26 मिनट पर होगी। ऐसे में आज यानी 07 जनवरी को दुर्गाअष्टमी मनाई जा रही है।
॥ नवदुर्गा स्तोत्रम् ॥
॥ देवी शैलपुत्री ॥
वन्दे वाञ्छितलाभायचन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढाम् शूलधरांशैलपुत्री यशस्विनीम्॥1॥
॥ देवी ब्रह्मचारिणी ॥
दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयिब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥2॥
॥ देवी चन्द्रघण्टा ॥
पिण्डजप्रवरारूढाचन्दकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम्चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥3॥
॥ देवी कूष्माण्डा ॥
सुरासम्पूर्णकलशम्रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्याम्कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥4॥
॥ देवी स्कन्दमाता ॥
सिंहासनगता नित्यम्पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवीस्कन्दमाता यशस्विनी॥5॥
॥ देवी कात्यायनी ॥
चन्द्रहासोज्ज्वलकराशार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्यादेवि दानवघातिनी॥6॥
॥ देवी कालरात्रि ॥
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णीतैलभ्यक्तशरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।
वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णाकालरात्रिर्भयङ्करी॥7॥
॥ देवी महागौरी ॥
श्र्वेते वृषे समारूढाश्र्वेताम्बरधरा शुचि:।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥8॥
॥ देवी सिद्धिदात्रि ॥
सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात्सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥9॥
॥ इति श्री नवदुर्गा स्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥
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इन मंत्रो का करें जप
मां दुर्गा के मंत्र
1. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
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