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    Kharmas 2025: खरमास में सूर्य देव को ऐसे करें प्रसन्न, खूब बढ़ेगा कारोबार

    होली के दिन सूर्य देव (Sun Nakshatra Transit 2025) ने मीन राशि में गोचर किया है। इसके साथ ही खरमास की शुरुआत हो गई है। खरमास के दौरान शुभ और मांगलिक काम करना वर्जित है और सूर्य देव की पूजा करना फलदायी साबित होती है। मान्यता है कि सूर्य देव की पूजा करने से बिगड़े काम पूरे होते हैं। आइए जानते हैं कैसे करें सूर्य देव को प्रसन्न?

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 15 Mar 2025 02:55 PM (IST)
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    Kharmas 2025: खरमास में ऐसे करें सूर्य देव की कृपा प्राप्त

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, इस बार खरमास की शुरुआत 14 मार्च (Kharmas 2025) से हो गई है। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 14 अप्रैल को होगा। इस अवधि के दौरान भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसे में खरमास में रोजाना पूजा के दौरान सूर्य स्तुति का पाठ करें। मान्यता के अनुसार, सूर्य स्तुति का पाठ करने से कारोबार में वृद्धि होती है। साथ ही सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। आइए पढ़ते हैं सूर्य स्तुति ।

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    खरमास में क्या न करें (What not to do in Kharmas)

    • खरमास मांगलिक और शुभ काम करना वर्जित है।
    • मुंडन, गृह प्रवेश और सगाई करने की मनाही है।
    • किसी से वाद-विवाद न करें।
    • तामसिक भोजन न करें।
    • नया वाहन एवं मकान न खरीदें।

    ।। श्री सूर्य स्तुति ।।

    जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन ।।

    त्रिभुवन-तिमिर-निकन्दन, भक्त-हृदय-चन्दन॥

    जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

    सप्त-अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।

    दु:खहारी, सुखकारी, मानस-मल-हारी॥

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    जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

    सुर-मुनि-भूसुर-वन्दित, विमल विभवशाली।

    अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥

    जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

    सकल-सुकर्म-प्रसविता, सविता शुभकारी।

    विश्व-विलोचन मोचन, भव-बन्धन भारी॥

    जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

    कमल-समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।

    सेवत साहज हरत अति मनसिज-संतापा॥

    जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

    नेत्र-व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा-हारी।

    वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥

    जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

    सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।

    हर अज्ञान-मोह सब, तत्त्वज्ञान दीजै॥

    जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

      सूर्य मंत्र

    1. रक्तांबुजासनमशेषगुणैकसिन्धुं

    भानुं समस्तजगतामधिपं भजामि।

    पद्मद्वयाभयवरान् दधतं कराब्जैः

    माणिक्यमौलिमरुणाङ्गरुचिं त्रिनेत्रम्॥

    2. एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते।

    अनुकम्पय मां देवी गृहाणार्घ्यं दिवाकर।।

    3. ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी,भानुः शशी भूमिसुतो बुधश्च ।

    गुरुश्च शुक्रः शनिराहुकेतवः,कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम् ॥

    4. आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर ।

    दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तुते ॥

    5. ऊँ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च ।

    हिरण्य़येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन ।।

    6. ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं

    भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥

    7. ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्‍बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

    उर्वारुकमिव बन्‍धनान् मृत्‍योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ !!

    8. करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं ।

    विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥

    9. शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं

    विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् ।

    लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्

    वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ॥

    10.जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम ।

    तमोsरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोsस्मि दिवाकरम ।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।