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    Kharmas 2025: खरमास में क्यों नहीं होते विवाह और शुभ काम? पढ़िए इसकी खास वजह

    ज्योतिष शास्त्र में ग्रह गोचर की घटना के बारे में विस्तार से बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य देव धनु और मीन राशि में गोचर करते हैं तो खरमास (Kharmas 2025) लगता है। खरमास में शुभ और मांगलिक कामों पर रोक लग जाती है। ऐसा माना जाता है कि खरमास में वर्जित कामों को करने से शुभ परिणाम नहीं मिलते हैं।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 01 Mar 2025 10:45 AM (IST)
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    Kharmas 2025 Date: खरमास का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में खरमास को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान जगत के पालनहार भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि खरमास में उपासना करने से साधक को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

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    खरमास में धार्मिक व मांगलिक कार्य जैसे वैवाहिक कार्यक्रम, मुंडन संस्कार, गृह प्रवेश, जनेऊ संस्कार आदि काम नहीं किए जाते हैं। इसके अलावा गाड़ी और घर को खरीदने से बचना चाहिए, लेकिन क्या आप जानते हैं कि खरमास में आखिर क्यों नहीं किए जाते हैं शुभ और मांगलिक काम? अगर नहीं पता, तो आइए जानते हैं इसकी वजह के बारे में।

    यह भी पढ़ें: Kharmas 2025 Date: इस दिन से बंद हो जाएंगे शुभ काम, जानें खरमास शुरू होने की तारीख और इसके कुछ नियम

      

    खरमास 2025 डेट (Kharmas 2025 Start and End Date)

    ज्योतिष गणना के अनुसार, जब सूर्य देव सूर्य देव अपनी चाल में बदलाव कर मीन राशि में गोचर करते हैं, तो उस तिथि पर मीन संक्रांति मनाई जाती है। इसी दिन से खरमास की शुरुआत होती है। इस बार खरमास 14 मार्च (Kab se hai Kharmas 2025) से शुरू हो रहा और 14 अप्रैल (Kharmas 2025 End Date) को समाप्त होगा। इसके बाद शुभ और मांगलिक काम शुरू होंगे।

    (Pic Credit-Freepik)

    इसलिए नहीं होते हैं शुभ काम

    ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, एक राशि से दूसरी राशि में सूर्य देव एक महीने बाद परिवर्तन करते हैं, जिस दिन सूर्य देव मीन राशि में गोचर करते हैं, तो तभी से खरमास शुरू होता है। सूर्य देव के मीन या धनु राशि में विराजमान होने से गुरु ग्रह की शक्तियां कम हो जाती हैं। ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह को भाग्य के कारक में रूप जोड़कर  देखा जाता है। ऐसे में अगर खरमास में शुभ और मांगलिक काम किए जाते हैं, तो उसका शुभ फल प्राप्त नहीं होता। इसी वजह से खरमास में शुभ और मांगलिक पर रोक लग जाती है।

    खरमास में सूर्य देव को कैसे करें प्रसन्न?

    • खरमास में रोजाना सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें।
    • एक तांबे के लोटे में जल और लाल फूल और रोली मिलाएं।
    • इसके बाद विधिपूर्वक सूर्य देव को जल अर्पित करें।
    • इस दौरान सूर्य देव के मंत्रों का ध्यान करें।
    • जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें।  
    • साथ ही अन्न और धन और गरीब लोगों में दान करें।  

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।