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    Kharmas 2025: इस दिन समाप्त होगा खरमास, फिर से शुरू होंगे मांगलिक कार्य

    Updated: Thu, 09 Jan 2025 11:03 AM (IST)

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास में सूर्य देव की ऊर्जा की प्रभावशीलता कम हो जाती है। जिस कारण इस दौरान किए गए किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य का शुभ परिणाम नहीं मिलता। इसी कारण से खरमास में शुभ व मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि खरमास कब समाप्त होने जा रहा है।

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    Kharmas 2025 end date खरमान में क्या करना चाहिए?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। खरमास को धनु संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन पर सूर्य देव बृहस्पति की राशि धनु में प्रवेश करते हैं। इस अवधि में कई तरह के नियमों का ध्यान रखा जाता है। साथ ही इस अवधि में सूर्य देव की पूजा-अर्चना करना काफी शुभ माना जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि साल 2025 में कब से शुभ कार्यों की शुरू किए जा सकेंगे।

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    इस दिन समाप्त होगा खरमास

    रविवार, 15 दिसंबर 2024 से खरमास की शुरुआत हुई थी, जिसका समापन मंगलवार, 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति के दिन होने जा रहा है। मकर संक्रांति वह दिन है, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। ऐसे में इस दिन के बाद से शुभ व मांगलिक कार्य किए जा सकेंगे।

    कर सकेंगे ये काम

    खरमास की समाप्ति के बाद धार्मिक व मांगलिक कार्य जैसे वैवाहिक कार्यक्रम, मुंडन संस्कार, गृह प्रवेश, जनेऊ संस्कार आदि किए जा सकेंगे। इसी के साथ खरमास की समाप्ति के बाद नया वाहन, घर या प्रॉपर्टी खरीदना या फिर नए काम की शुरुआत करना भी शुभ होता है।

    खरमास में क्या करना चाहिए

    खरमास में रोजाना सूर्य देव को जल जरूर अर्पित करना भी काफी लाभदायक माना जाता है। इसी के साथ खरमास में दान-पुण्य करना बहुत ही पुण्यकारी होता है। ऐसे में आप इस माह में गुड़, मूंगफली, गर्म कपड़े, कंबल आदि का दान कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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    इस तरह करें सूर्य देव की पूजा

    - सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें।

    - इसके बाद एक तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें लाल फूल और रोली मिलाएं।

    -  अब सूर्य देव की तरफ यानी पूर्व दिशा में अपना मुख कर जल अर्पित करें।

    - जल की गिरती धार के साथ सूर्य की किरणों को देखते रहें।

    - इस दौरान ॐ सूर्याय नम: का जप भी करते रहें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।