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    Magh Purnima 2025: हमेशा पैसों से भरी रहेगी तिजोरी, लेकिन माघ पूर्णिमा पर करें इस चालीसा का पाठ

    Updated: Fri, 07 Feb 2025 04:52 PM (IST)

    माघ माह की पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा (Magh Purnima 2025) के नाम से जाना जाता है। इस शुभ तिथि पर विष्णु जी की पूजा करने से जीवन में खुशियों का आगमन होता है। माघ पूर्णिमा के अगले दिन से फाल्गुन माह की शुरुआत होती है। माघ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान और जप-तप करना व्यक्ति के जीवन के लिए फलदायी साबित होता है।

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    Magh Purnima 2025: मां लक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्न

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, माघ माह में पूर्णिमा का त्योहार 12 फरवरी (Magh Purnima 2025 Date) को मनाया जाएग। इस दिन महाकुंभ का अमृत स्नान भी है। धार्मिक मान्यत है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से सभी पापों से छुटकारा मिलता है। साथ ही तुलसी पूजा करने का भी विधान है। ऐसे में तुलसी चालीसा का पाठ कर मां लक्ष्मी को प्रसन्न किया जा सकता है। मान्यत है कि तुलसी चालीसा का पाठ करने से धन से तिजोरी कभी खाली नहीं होती है।

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    ।।दोहा तुलसी चालीसा।।

    ''श्री तुलसी महारानी, करूं विनय सिरनाय।

    जो मम हो संकट विकट, दीजै मात नशाय।।''

    नमो नमो तुलसी महारानी, महिमा अमित न जाय बखानी।

    दियो विष्णु तुमको सनमाना, जग में छायो सुयश महाना।।

    विष्णुप्रिया जय जयतिभवानि, तिहूँ लोक की हो सुखखानी।

    (Pic credit- AI)

    भगवत पूजा कर जो कोई, बिना तुम्हारे सफल न होई।।

    जिन घर तव नहिं होय निवासा, उस पर करहिं विष्णु नहिं बासा।

    करे सदा जो तव नित सुमिरन, तेहिके काज होय सब पूरन।।

    कातिक मास महात्म तुम्हारा, ताको जानत सब संसारा।

    तव पूजन जो करैं कुंवारी, पावै सुन्दर वर सुकुमारी।।

    कर जो पूजन नितप्रति नारी, सुख सम्पत्ति से होय सुखारी।

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    वृद्धा नारी करै जो पूजन, मिले भक्ति होवै पुलकित मन।।

    श्रद्धा से पूजै जो कोई, भवनिधि से तर जावै सोई।

    कथा भागवत यज्ञ करावै, तुम बिन नहीं सफलता पावै।।

    छायो तब प्रताप जगभारी, ध्यावत तुमहिं सकल चितधारी।

    तुम्हीं मात यंत्रन तंत्रन, सकल काज सिधि होवै क्षण में।।

    औषधि रूप आप हो माता, सब जग में तव यश विख्याता,

    देव रिषी मुनि औ तपधारी, करत सदा तव जय जयकारी।।

    वेद पुरानन तव यश गाया, महिमा अगम पार नहिं पाया।

    नमो नमो जै जै सुखकारनि, नमो नमो जै दुखनिवारनि।।

    नमो नमो सुखसम्पति देनी, नमो नमो अघ काटन छेनी।

    नमो नमो भक्तन दुःख हरनी, नमो नमो दुष्टन मद छेनी।।

    नमो नमो भव पार उतारनि, नमो नमो परलोक सुधारनि।

    नमो नमो निज भक्त उबारनि, नमो नमो जनकाज संवारनि।।

    माघ पूर्णिमा के दिन पूजा करने के बाद तुलसी में जल और अन्न-धन का दान करें। मान्यत है कि इस उपाय को करने से जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।

    नमो नमो जय कुमति नशावनि, नमो नमो सुख उपजावनि।

    जयति जयति जय तुलसीमाई, ध्याऊँ तुमको शीश नवाई।।

    निजजन जानि मोहि अपनाओ, बिगड़े कारज आप बनाओ।

    करूँ विनय मैं मात तुम्हारी, पूरण आशा करहु हमारी।।

    शरण चरण कर जोरि मनाऊं, निशदिन तेरे ही गुण गाऊं।

    क्रहु मात यह अब मोपर दाया, निर्मल होय सकल ममकाया।।

    मंगू मात यह बर दीजै, सकल मनोरथ पूर्ण कीजै।

    जनूं नहिं कुछ नेम अचारा, छमहु मात अपराध हमारा।।

    बरह मास करै जो पूजा, ता सम जग में और न दूजा।

    प्रथमहि गंगाजल मंगवावे, फिर सुन्दर स्नान करावे।।

    चन्दन अक्षत पुष्प् चढ़ावे, धूप दीप नैवेद्य लगावे।

    करे आचमन गंगा जल से, ध्यान करे हृदय निर्मल से।।

    पाठ करे फिर चालीसा की, अस्तुति करे मात तुलसा की।

    यह विधि पूजा करे हमेशा, ताके तन नहिं रहै क्लेशा।।

    अगर आप वैवाहिक जीवन खुशहाल चाहते हैं, तो माघ पूर्णिमा के दिन सुहागिन महिलाओं को श्रृंगार का सामान दान करें। माना जाता है कि श्रृंगार का दान करने से वैवाहिक जीवन हमेशा खुशियों से भरा रहता है।

    करै मास कार्तिक का साधन, सोवे नित पवित्र सिध हुई जाहीं।

    है यह कथा महा सुखदाई, पढ़े सुने सो भव तर जाई।।

    तुलसी मैया तुम कल्याणी, तुम्हरी महिमा सब जग जानी।

    भाव ना तुझे माँ नित नित ध्यावे, गा गाकर मां तुझे रिझावे।।

    यह श्रीतुलसी चालीसा पाठ करे जो कोय।

    गोविन्द सो फल पावही जो मन इच्छा होय।।

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