Mahakumbh 2025 Magh Purnima Snan: माघ पूर्णिमा पर होगा महाकुंभ का अमृत स्नान, अभी नोट करें शुभ मुहूर्त
हर महीने के आखिरी में पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस बार माघ पूर्णिमा (Mahakumbh 2025 Magh Purnima Snan) बेहद खास रहने वाली है क्योंकि माघ पूर्णिमा पर महाकुंभ का अमृत स्नान किया जाएगा। इस अवसर पर त्रिवेणी संगम में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे। धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा पर त्रिवेणी संगम में स्नान करने से जीवन के सभी पाप खत्म होते हैं और सभी सुख मिलते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पूर्णिमा तिथि जगत के पालनहार भगवन विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है। माघ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि विधिपूर्वक भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की उपासना करने से घर में सुख-शांति का आगमन होता है। साथ ही रुके हुए काम जल्द पूरे होते हैं। इस दिन पवित्र दिन स्नान करने का भी विधान है।
इस दिन पवित्र दिन स्नान करने से जीवन हमेशा खुशहाल रहता है। माघ पूर्णिमा पर महाकुंभ (Mahakumbh 2025) का अमृत स्नान किया जाएगा। ऐसे में आइए जानते हैं माघ पूर्णिमा के दिन महाकुंभ (Mahakumbh 2025 Magh Purnima Snan) अमृत स्नान के शुभ मुहूर्त के बारे में।
माघ पूर्णिमा 2025 शुभ मुहूर्त (Magh Purnima 2025 Date and Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ पूर्णिमा की तिथि का प्रारंभ 11 फरवरी को शाम 06 बजकर 55 मिनट पर हो रहा है। वहीं, तिथि का समापन 12 फरवरी को शाम 07 बजकर 22 मिनट पर होगा। ऐसे में 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा (Magh Purnima Significance) मनाई जाएगी।
(Pic Credit-AI)
माघ पूर्णिमा 2025 स्नान का शुभ मुहूर्त (Magh Purnima 2025 Amrit Snan Time)
माघ पूर्णिमा के दिन महाकुंभ अमृत स्नान के शुभ मुहूर्त की शुरुआत 12 फरवरी को सुबह 05 बजकर 19 मिनट से होगी और 06 बजकर 10 मिनट पर समापन होगा। धार्मिक मान्यता है कि ब्रह्म मुहूर्त के समय त्रिवेणी संगम में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है।
ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 05 बजकर 19 मिनट से 06 बजकर 10 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 07 मिनट से शाम 06 बजकर 32 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं
अमृत काल - शाम 05 बजकर 55 मिनट से रात 07 बजकर 35 मिनट तक
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इस विधि से करें पूजा
- इस दिन सुबह जल्दी उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवता के ध्यान से करें।
- मंदिर की सफाई करें और भगवान सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- इस दिन पीले कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।
- अब दीपक जलाकर पूजा की शुरुआत करें।
- भगवान विष्णु को रोली, फूल, चंदन अर्पित करें।
- प्रभु को फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।
- आखिरी में लोगों में प्रसाद बाटें।
- इस दिन अन्न और धन का दान करना शुभ माना जाता है।
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