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    Magh Purnima Kab Hai: माघ पूर्णिमा कब है? गंगा स्नान का है विशेष महत्व; जानिए पंडितों की राय

    By Jagran NewsEdited By: Sanjeev Kumar
    Updated: Fri, 07 Feb 2025 03:50 PM (IST)

    माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से सूर्य और चंद्रमा से संबंधित दोषों का निवारण होता है और जीवन में शांति एवं समृद्धि आती है। इस दिन दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व है। माघ पूर्णिमा के दिन घर पर भी पूजा करने पर भगवान खुश होते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों को विशेष कृपा प्राप्त होती है।

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    माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व (जागरण)

    संवाद सूत्र, परबत्ता (खगड़िया)। Magh Purnima Ganga Snan: माघ पूर्णिमा बुधवार, 12 फरवरी को है। श्रीराम जानकी ठाकुरबाड़ी मोजाहिदपुर के पुजारी पंडित राजा वत्स ने कहा कि, पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 11 फरवरी को शाम छह बजकर 55 मिनट पर होगा। पूर्णिमा तिथि का समापन 12 फरवरी को शाम सात बजकर 22 मिनट पर होगा।

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    माघी पूर्णिमा में 12 फरवरी को करें गंगा स्नान

    माघ पूर्णिमा 12 फरवरी को मनाई जाएगी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन नदियों में स्नान करने से सूर्य और चंद्रमा से संबंधित दोषों का निवारण होता है और व्यक्ति के जीवन में शांति एवं समृद्धि आती है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में उल्लेख किया गया है कि इस दिन स्वयं भगवान विष्णु गंगा जल में निवास करते हैं। इस दिन गंगा स्नान और भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों को विशेष कृपा प्राप्त होती है।

    दान-पुण्य का विशेष महत्व

    इस दिन दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व बताया गया है। विशेष रूप से, अन्न, वस्त्र और जरूरतमंदों को आवश्यक वस्तुएं दान करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और उसके पूर्व जन्मों के पापों का क्षय होता है।

    माघ पूर्णिमा 2025 शुभ मुहूर्त

    वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ पूर्णिमा की तिथि का प्रारंभ 11 फरवरी को शाम 06 बजकर 55 मिनट पर हो रहा है। वहीं, तिथि का समापन 12 फरवरी को शाम 07 बजकर 22 मिनट पर होगा। ऐसे में 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा मनाई जाएगी।

    माघ पूर्णिमा मुहूर्त

    • ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 05 बजकर 19 मिनट से 06 बजकर 10 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 07 मिनट से शाम 06 बजकर 32 मिनट तक
    • अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं
    • अमृत काल - शाम 05 बजकर 55 मिनट से रात 07 बजकर 35 मिनट तक

    माघ पूर्णिमा पर पूजा विधि

    माघ पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले उठें और पवित्रता के साथ स्नान करने के बाद पूजा की शुरुआत करें। इसके बाद साफ चौकी पर लाल कपड़ा लगाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा को विराजमान करें। फूलमाला अर्पित करें।

    मां लक्ष्मी को सोलह श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं। देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें। विष्णु जी के मंत्रों का जप और विष्णु चालीसा का पाठ करें। इसके बाद विधिपूर्वक व्रत कथा का पाठ करें। फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं। अंत में जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें और लोगों में प्रसाद का वितरण करें।

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