Shri Rudranath Temple: इस मंदिर में महादेव के मुख की होती है पूजा, पांडवों से है खास संबंध
आज यानी 18 मई से श्री रुद्रनाथ मंदिर का कपाट खुल गए हैं। इस मंदिर में रोजाना 140 श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। यह मंदिर देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस मंदिर में भगवान शिव के मुख के दर्शन होते हैं। ऐसे में आइए जनते हैं इस मंदिर के बारे में।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। उत्तराखंड को देवताओं की भूमि और देवभूमि के नाम से जाना जाता है। देवभूमि में कई ऐसे मंदिर हैं, जो किसी रहस्य या फिर अन्य कारण से प्रसिद्ध हैं। इनमें श्री रुद्रनाथ मंदिर भी शामिल है। इस मंदिर में भगवान शिव के मुख की पूजा-अर्चना की जाती है। यह मंदिर पंच केदार मंदिरों में शामिल है। ऐसा माना जाता है कि मंदिर का नाता पांडवों की मुक्ति की कथा जुड़ा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण पांडवों के द्वारा किया गया था। ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
कहां है श्री रुद्रनाथ मंदिर
यह मंदिर उत्तराखण्ड के चमोली जिले में स्थित है। श्री रुद्रनाथ मंदिर पंच केदार में से एक है। इस मंदिर के पास कई और भी मंदिर हैं, जो पांडवों, माता कुंती व द्रौपदी को समर्पित हैं।
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क्या है मंदिर से जुड़ी मान्यता
धार्मिक मान्यता के अनुसार, श्री रुद्रनाथ मंदिर का निर्माण महाभारत के दौरान पांडवों के द्वारा किया गया था। इस मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति विराजमान है। इसके अलावा मंदिर में भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव व उनकी मां कुंती, द्रौपदी की प्रतिमा स्थापित हैं।
ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में अंधकासुर दैत्य के अत्याचारों से परेशान होकर देवताओं ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के पूजा-अर्चना की थी। देवताओं की पूजा से महादेव प्रसन्न हुए थे और उन्होंने देवताओं को अंधकासुर के अत्याचारों से छुटकारा पाने के लिए वचन दिया था।
18 मई से खुले मंदिर के कपाट
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आज यानी 18 मई से श्री रुद्रनाथ मंदिर के कपाट खुल गए हैं। अब मंदिर में अगले छह महीनों तक भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाएगी। इस बार रोजाना इस मदिर में रोजाना 140 श्रद्धलु दर्शन कर सकेंगे। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए सगर गांव से 19 किमी की खड़ी चढ़ाई पैदल यात्रा करनी पड़ती है। इस यात्रा को करने के लिए श्रद्धालुओं को आनलाइन पंजीकरण करना बेहद आवश्यक है।
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Source- Shri Rudranath Temple
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