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    Paush Putrada Ekadashi का व्रत करने से मिलते हैं ये लाभ, दूर होते हैं जीवन के सभी कष्ट

    By Digital DeskEdited By: Suman Saini
    Updated: Wed, 24 Dec 2025 10:00 AM (IST)

    30 दिसंबर को पौष पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए विशेष माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पर व्रत करने से ...और पढ़ें

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    Paush Putrada Ekadashi 2025 भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए खास है यह तिथि

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    दिव्या गौतम, एस्ट्रोपत्री। पौष मास की शुरुआत 5 दिसंबर से हो चुकी है, जो 3 जनवरी 2026 तक चलने वाला है। वैदिक पंचांग के अनुसार, यह माह अत्यंत पावन माना गया है। साथ ही इस माह में आने वाली एकादशी का व्रत करने से साधक को पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

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    पौष माह की पुत्रदा एकादशी (Paush Putrada Ekadashi 2025) भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए एक उत्तम तिथि मानी गई है। इस दिन व्रत करने से साधक को प्रभु श्रीहरि की कृपा तो मिलती ही है, साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि के भी योग बनने लगते हैं।

    पौष पुत्रदा एकादशी के शुभ योग

    1. संतान-सुख और परिवार वृद्धि का योग

    यह एकादशी विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति के लिए शुभ मानी गई है। दंपति भगवान विष्णु की आराधना कर स्वस्थ और उज्ज्वल भविष्य वाली संतति का आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं। यह योग परिवार में नई खुशियां लाने वाला माना जाता है।

    2. पारिवारिक सौहार्द और स्थिरता का योग

    इस तिथि पर की गई पूजा परिवार के भीतर प्रेम, सामंजस्य और स्थिरता बढ़ाने वाली मानी जाती है। घर में चल रहे तनाव कम होते हैं और पारिवारिक संबंधों में मधुरता आती है। यह योग दांपत्य जीवन को संतुलित करने में सहायक होता है।

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    3. कष्ट निवारण और जीवन सुधार का योग

    पौराणिक मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत जीवन के कष्टों, बाधाओं और मानसिक भारीपन को कम करता है। भगवान विष्णु की उपासना से भाग्य का प्रवाह सुधरता है और साधक को जीवन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुधार दिखाई देने लगता है।

    4. पुण्य संचय और आध्यात्मिक उन्नति का योग

    इस दिन किया गया व्रत और दान-पुण्य साधक को अत्यंत शुभ फल देता है। यह योग आध्यात्मिक विकास, मन की शांति और जीवन को संतुलित दिशा में आगे बढ़ाने वाली ऊर्जा का संचार करता है। साधक के भीतर श्रद्धा, भक्ति और आत्मविश्वास भी बढ़ता है।

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    लेखक: दिव्या गौतम, Astropatri.com अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए hello@astropatri.com पर संपर्क करें।