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    Ekadashi Date List 2026: नए साल में कब-कब है एकादशी? नोट करें जनवरी से लेकर दिसंबर की तिथि

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 12:00 PM (IST)

    धार्मिक मान्यता के अनुसार, एकादशी व्रत को विधिपूर्वक करने से साधक को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इस दिन भगवान विष् ...और पढ़ें

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    Ekadashi 2026 Calendar: बेहद महत्वपूर्ण एकादशी तिथि 

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में एकादशी तिथि को विशेष महत्व दिया गया है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना होती है। साथ ही विधिपूर्वक व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से साधक को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। हर महीने में 2 बार एकादशी (Ekadashi dates 2026) व्रत किया जाता है। अब नए साल की शुरुआत होने जा रही हैं, तो ऐसे में चलिए जानते हैं कि नए साल का एकादशी (Ekadashi calendar 2026) कैलेंडर। 

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    एकादशी 2026 डेट एकादशी का नाम 
    14 जनवरी 2026 षटतिला एकादशी
    29 जनवरी 2026 जया एकादशी
    13 फररी 2026 विजया एकादशी
    27 फरवरी 2026  आमलकी एकादशी
    15 मार्च 2026 पापमोचनी एकादशी
    29 मार्च 2026 कामदा एकादशी
    13 अप्रैल 2026 

    वरूथिनी एकादशी

    27 अप्रैल 2026

    मोहिनी एकादशी

    13 मई 2026  अपरा एकादशी
    27 मई 2026 पद्मिनी एकादशी
    11 जून 2026 परम एकादशी
    25 जून 2026  निर्जला एकादशी
    10 जुलाई 2026 योगिनी एकादशी
    25 जुलाई 2026 देवशयनी एकादशी
    09 अगस्त 2026 कामिका एकादशी
    23 अगस्त 2026  श्रावण पुत्रदा एकादशी
    07 सितंबर 2026 अजा एकादशी
    22 सितंबर 2026 परिवर्तिनी एकादशी
    06 अक्टूबर 2026 इन्दिरा एकादशी
    22 अक्टूबर 2026 पापांकुशा एकादशी
    05 नवंबर 2026  रमा एकादशी
    20 नवंबर 2026  देवउठनी एकादशी
    04 दिसंबर 2026  उत्पन्ना एकादशी
    20 दिसंबर 2026 मोक्षदा एकादशी

    एकादशी व्रत का महत्व

    एकादशी तिथि (Ekadashi fasting days) को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, एकादशी व्रत और दान करने से साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। ऐसा माना जाता है कि जो जातक सच्चे मन से एकादशी व्रत करता है, उसे सभी पापों से छुटकारा मिलता है। इस व्रत में अन्न और चावल का सेवन नहीं किया जाता है। व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर किया जाता है। व्रत का पारण करने से साधक को व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

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    एकादशी व्रत के नियम

    • व्रत के दौरान तामसिक भोजन का सेवन न करें
    • काले रंग के कपड़े धारण न करें।
    • वाद-विवाद न करें।
    • किसी के बारे में न सोचें।
    • घर और मंदिर की साफ-सफाई का ध्यान रखें।

    यह भी पढ़ें- Paush Putrada Ekadashi 2025: पौष पुत्रदा एकादशी पर करें तुलसी चालीसा का पाठ, खुश होंगे विष्णु भगवान

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।