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    Paush Putrada Ekadashi 2025: पौष पुत्रदा एकादशी पर भूल से भी न करें ये गलतियां, घर में होगा दरिद्रता का वास

    Updated: Thu, 11 Dec 2025 12:27 PM (IST)

    पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की कृपा के लिए पवित्र माना जाता है। इस दिन कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य है। पौष पुत्रदा एकादशी (Paush Putr ...और पढ़ें

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    Paush Putrada Ekadashi 2025: पौष पुत्रदा एकादशी के नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत बेहद पावन माना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु की कृपा और संतान सुख प्राप्त करने के लिए बहुत फलदायी माना जाता है। एकादशी का व्रत बहुत पवित्र और कठोर नियमों वाला होता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन कुछ ऐसे काम हैं, जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए। अगर आप एकादशी के दिन इन नियमों को अनदेखा करते हैं, तो व्रत का फल पूरा नहीं मिलता है। पौष पुत्रदा एकादशी (Paush Putrada Ekadashi 2025) पर क्या नहीं करना चाहिए आइए इस आर्टिकल में जानते हैं।

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    पौष पुत्रदा एकादशी पर न करें ये 5 गलतियां (Paush Putrada Ekadashi 2025 Rules)

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    चावल का सेवन

    एकादशी के दिन चावल का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। पौराणिक मान्यता है कि एकादशी के दिन चावल खाने से व्यक्ति पापों का भागी बनता है। व्रत पारण के दिन यानी अगले दिन द्वादशी पर ही चावल खाना चाहिए।

    तुलसी तोड़ना

    एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना या उन्हें छूना नहीं चाहिए। तुलसी जी को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है और इस दिन वह भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। ऐसे में उन्हें छूना या तोड़ना उनका व्रत भंग करने के समान है। इसलिए पूजा में उपयोग के लिए तुलसी दल एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें।

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    तामसिक भोजन का सेवन

    एकादशी के दिन लहसुन, प्याज, मांसाहार और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। व्रत न रखने वाले परिवार के सदस्यों को भी इस दिन तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए। कहा जाता है कि यह भोजन अशुद्ध माना जाता है और पूजा की पवित्रता को नष्ट करता है।

    बुरा बोलना

    इस दिन किसी से भी झूठ बोलना, कठोर वचन बोलना और वाद-विवाद करने से बचना चाहिए। एकादशी का व्रत केवल शरीर से नहीं, बल्कि मन और वाणी से भी रखा जाता है। गुस्सा और नकारात्मकता से व्रत का पुण्य फल नष्ट हो जाता है।

    दिन में सोना

    एकादशी के दिन सूर्योदय के बाद दिन में सोना नहीं चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, दिन में सोने से व्रत का फल नष्ट हो जाता है। वहीं, इस तिथि पर रात में भी जागरण करना बहुत शुभ माना जाता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।