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    Saphala Ekadashi पर बन रहे हैं ये शुभ योग, भक्तों को मिलेगा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद

    By digital deskEdited By: Suman Saini
    Updated: Tue, 09 Dec 2025 05:03 PM (IST)

    15 दिसंबर को सफला एकादशी (Saphala Ekadashi 2025) मनाई जाएगी। इस दिन पर विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है और व्रत भी किया जाता है। इस ...और पढ़ें

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    Saphala Ekadashi 2025 सफला एकादशी के शुभ योग।

    दिव्या गौतम, एस्ट्रोपत्री। पौष मास की शुरुआत 5 दिसंबर से हो चुकी है और वैदिक पंचांग के अनुसार यह सम्पूर्ण मासअत्यंत पावन माना गया है। धार्मिक परंपरा के अनुसार, पौष मास में पड़ने वाली एकादशी का व्रत साधक को पापों से मुक्ति, मन की शांति और जीवन में सुख-समृद्धि प्रदान करने वाला माना गया है।

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    इस बार पौष मास में दो महत्वपूर्ण एकादशियां पड़ रही हैं सफला एकादशी (Saphala Ekadashi 2025) और पौष पुत्रदा एकादशी, जिनके शुभ योग और व्रत-विधि को लेकर भक्तों में विशेष उत्साह देखा जा रहा है।

    सफला एकादशी के शुभ योग

    1. सफलता और समृद्धि का योग

    सफला एकादशी साधक के जीवन में नए अवसर लाने वाली तिथि मानी गई है। इस दिन का व्रत रुके हुए कार्यों को आगे बढ़ाने में सहायता करता है और आर्थिक स्थिति को मजबूत करने वाला माना जाता है। मनोबल बढ़ता है और जीवन में नई प्रगति का मार्ग खुलता है।

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    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    2. पाप क्षय और मानसिक शुद्धि का योग

    यह एकादशी मन की अशुद्धियों और पुराने पापों के प्रभाव को शांत करने वाली मानी गई है। भगवान विष्णु की उपासना से नकारात्मक विचार कम होते हैं और साधक के भीतर शांति तथा सात्विकता का विस्तार होता है। मानसिक तनाव भी काफी हद तक कम होता है।

    3. दीपदान और दान-पुण्य का फलदायी योग

    इस दिन किए गए दान-पुण्य को अनेक गुना फल देने वाला बताया गया है। दीपदान, अन्न दान और वस्त्रदान से घर-परिवार में समृद्धि आती है और शुभ कार्यों के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनती हैं। माना जाता है कि यह योग पुण्य संचित करने का उत्तम समय है।

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    4. सकारात्मक ऊर्जा वृद्धि का योग

    व्रत, जप, भजन और दीप जलाने से घर का वातावरण अत्यंत पवित्र हो जाता है। नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और मन तथा परिवार में सकारात्मक शक्ति प्रवेश करती है। इस कारण यह तिथि मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन के लिए विशेष शुभ मानी गई है।

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    लेखक: दिव्या गौतम, Astropatri.com अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए hello@astropatri.com पर संपर्क करें।