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    Mokshada Ekadashi पर इस सरल विधि से करें मां लक्ष्मी की पूजा, चमक उठेगी फूटी किस्मत

    सनातन धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को जीवन में धन का अभाव नहीं होता है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार की परेशानियों का अंत होता है। साधक श्रद्धा भाव से एकादशी तिथि पर (Mokshada Ekadashi 2024) धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 10 Dec 2024 04:59 PM (IST)
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    Mokshada Ekadashi 2024: धन की देवी मां लक्ष्मी को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। इस वर्ष 11 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी है। मोक्षदा एकादशी के दिन ही गीता जयंती मनाई जाती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर भगवान कृष्ण ने अपने परम शिष्य अर्जुन को कुरुक्षेत्र के मैदान में गीता का ज्ञान दिया था। अतः गीता जयंती पर भगवान कृष्ण की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही गीता पाठ का आयोजन किया जाता है। एकादशी तिथि पर मां लक्ष्मी और तुलसी माता की पूजा करने से भगवान श्रीहरि शीघ्र प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा साधक पर बरसती है। अगर आप भी धन संबंधी परेशानी से निजात पाना चाहते हैं, तो मोक्षदा एकादशी पर भक्ति भाव से लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करें। आइए, मां लक्ष्मी की पूजा विधि (Mokshada Ekadashi 2024 Puja Vidhi) जानते हैं-

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    पूजा विधि

    मोक्षदा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें। इस समय भगवान विष्णु का ध्यान कर दिन की शुरुआत करें। अब दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इसके बाद पीले या लाल रंग के कपड़े पहनें। इस समय आचमन करें। आचमन के दौरान भगवान विष्णु का ध्यान करें। अब सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें। इसके बाद पूजा गृह में चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं।

    अब धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। गंगाजल छिड़ककर आसन को शुद्ध करें। अब गाय के कच्चे दूध में केसर मिलाकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें। आप दक्षिणावर्ती शंख के द्वारा भी भगवान विष्णु का अभिषेक कर सकते हैं। इसके बाद पंचोपचार कर भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी को फल, फूल, धूप, दीप आदि चीजें अर्पित करें। इस समय मां लक्ष्मी को लाल रंग की चुनरी अर्पित करें। अब भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की उपासना करें।

    पूजा के दौरान लक्ष्मी और तुलसी चालीसा का पाठ करें। विष्णु जी, लक्ष्मी जी और तुलसी मां के नामों का मंत्र जप करें। पूजा के अंत में आरती करें। इस समय धन की देवी मां लक्ष्मी से सुख, समृद्धि एवं धन की कामना करें। अब पूजा में प्रयोग गंगाजल घर के सभी हिस्से में छिड़क दें। शंख बजाकर पूजा संपन्न करें। इस विधि से मां लक्ष्मी की पूजा करने से बिगड़ी किस्मत भी संवर जाती है।

    मां लक्ष्मी के मंत्र

    1. ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥

    2. ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥

    3. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य

    नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ ।

    4. ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम

    गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा ।

    5. ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः।

    मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ ।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।