Mokshada Ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी पर दुर्लभ 'भद्रावास' योग समेत बन रहे हैं ये 6 अद्भुत संयोग
धार्मिक मत है कि एकादशी के दिन (Mokshada Ekadashi 2024 Bhadravas Yoga) जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक के जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो मोक्षदा एकादशी पर वरीयान योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होगी।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के एक दिन पहले मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर गीता जयंती भी मनाई जाती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु ने अपने परम शिष्य अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। अतः एकादशी तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। मोक्षदा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। वहीं, मृत्यु उपरांत उच्च लोक की प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों की मानें तो मोक्षदा एकादशी पर दुर्लभ भद्रावास योग (Mokshada Ekadashi Bhadravas Yoga) का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही कई अन्य मंगलकारी योग भी बन रहे हैं। इन योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।
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मोक्षदा एकादशी शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 11 दिसंबर को देर रात 03 बजकर 42 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, एकादशी तिथि का समापन 12 दिसंबर को देर रात 01 बजकर 09 मिनट पर होगा। इस प्रकार 11 दिसंबर को गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी मनाई जाएगी।
भद्रावास योग
ज्योतिषियों की मानें तो मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi 2024) के शुभ अवसर पर दुर्लभ भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 02 बजकर 27 मिनट से हो रहा है। वहीं, भद्रावास योग का समापन 12 दिसंबर को देर रात 01 बजकर 09 मिनट पर होगा। इस दौरान जगत के पालनहार भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की भक्तिभाव से पूजा करने पर जातक को मनोवांछित फल (Mokshada Ekadashi Bhadravas Yoga Benefits) की प्राप्ति होगी। ज्योतिष भद्रावास योग को शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होगी। इस समय भद्रा स्वर्ग में रहेंगी।
रवि योग
मोक्षदा एकादशी पर रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण प्रातः काल 07 बजकर 04 मिनट से लेकर सुबह 11 बजकर 48 मिनट तक है। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। इसके साथ ही वरीयान योग का भी संयोग बन रहा है। वरीयान योग सुबह 06 बजकर 48 मिनट पर समाप्त होगा। वहीं, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर रेवती और अश्विनी नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसके अलावा, वणिज और विष्टि योग का निर्माण हो रहा है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।'
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