Mokshada Ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी पर क्या खाएं और क्या नहीं? यहां जानिए व्रत से जुड़ी पूरी जानकारी
मोक्षदा एकादशी का व्रत बेहद फलदायी माना जाता है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन श्री हरि की पूजा करने से भक्तों के सभी कष्टों का अंत होता है और भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है तो चलिए इस दिन (Mokshada Ekadashi 2024 Vrat Rules) क्या खान चाहिए और क्या नहीं उसके बारे में जानते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में एकादशी व्रत का बड़ा महत्व है, जो प्रत्येक माह में सच्ची श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि यानी 11 दिसंबर को मनाई जाएगी। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन विष्णु जी की पूजा करने से जीवन की समस्त बाधाओं का अंत होता है। इसके साथ ही मोक्ष की प्राप्ति है, तो चलिए इस शुभ दिन पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं ? (What eat and not on Ekadashi?) उसके बारे में जानते हैं, जिससे उपवास में किसी भी प्रकार का विघ्न न पड़े।
मोक्षदा एकादशी पर क्या खा सकते हैं? (Mokshada Ekadashi 2024 vrat me kya khana chahiye)
मोक्षदा एकादशी व्रत पर व्रती दूध, दही, फल, शरबत, साबुदाना, बादाम, नारियल, शकरकंद, आलू, मिर्च सेंधा नमक, राजगीर का आटा आदि चीजों को खा सकते हैं। वहीं, व्रती इस बात का ध्यान दें कि भगवान विष्णु की पूजा के बाद ही कुछ ग्रहण करें। साथ ही प्रसाद बनाते समय पवित्रता का पूरा ध्यान दें, जिससे व्रत सफलता के साथ पूरा हो सके।
मोक्षदा एकादशी पर नहीं खानी चाहिए ये चीजें (Mokshada Ekadashi 2024 vrat me kya nahi khana chahiye)
अगर आप मोक्षदा एकादशी पर व्रत कर रहे हैं, तो अपने खानपान का पूरा ध्यान दें, क्योंकि यह उपवास को सफल और असफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इससे व्रत खंडित भी हो सकता है। बता दें, व्रती को एकादशी व्रत के दिन अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा इस मौके पर तामसिक भोजन जैस- मांस-मदिरा प्याज, लहसुन आदि से भी दूर रहना चाहिए।
इसके साथ ही इस व्रत पर चावल और नमक का सेवन पूर्णत: वर्जित माना गया है। ऐसे में अगर आप इस व्रत का पालन कर रहे हैं, तो इन चीजों का सेवन भूलकर भी न करें।
।।श्री हरि का भोग मंत्र।। (Mokshada Ekadashi 2024 Bhog Mantra)
मोक्षदा एकादशी के मौके पर भगवान विष्णु को भोग अर्पित करते समय इस मंत्र ''त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।'' का जाप करना चाहिए। इससे वह तुरंत भोग को स्वीकार करते हैं। साथ ही उनकी कृपा प्राप्त होती है।
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