Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Devshayani Ekadashi 2025: यह देवशयनी एकादशी लाएगी विशेष कृपा, मां लक्ष्मी की कृपा से आर्थिक तंगी होगी दूर

    सनातन शास्त्रों में निहित है कि देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2025) के दिन से भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं। इसके बाद देवउठनी एकादशी के दिन जागृत होते हैं। इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। वहीं तुलसी विवाह के दिन से विवाह समेत सभी प्रकार के शुभ काम किए जाते हैं।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 03 Jul 2025 08:13 AM (IST)
    Hero Image
    Devshayani Ekadashi 2025: देवशयनी एकादशी पर क्या करें और क्या न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, रविवार 06 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। यह पर्व हर साल आषाढ़ महीने में मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही लक्ष्मी नारायण जी के निमित्त एकादशी का व्रत रखा जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एकादशी के दिन देवी मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक के सुखों में वृद्धि होती है। साथ ही आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है। ज्योतिषियों की मानें तो देवशयनी एकादशी के दिन मां लक्ष्मी की कृपा कई राशि के जातकों पर बरसेगी। उनकी कृपा से जीवन की हर एक परेशानी दूर होगी। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

    यह भी पढ़ें: सावन महीने से इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन, पैसों की तंगी से मिलेगा छुटकारा

    शुभ मूलांक

    सनातन धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। वृषभ और तुला राशि के आराध्या जगत की देवी मां लक्ष्मी हैं। देवी मां लक्ष्मी को 6 अंक या नंबर प्रिय है। इसके लिए मूलांक 6 के जातकों पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है। उनकी कृपा से साधक को जीवन में किसी चीज की कमी नहीं होती है।

    मूलांक 6

    06, 15 और 24 तारीख के दिन जन्म लेने वाले जातकों का मूलांक 6 होता है। इसके लिए 06, 15 और 24 तारीख के दिन जन्म लेने वाले जातकों पर देवी मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है। देवशयनी एकादशी के दिन इन जातकों पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसेगी। उनकी कृपा से शुभ कामों में सफलता मिलेगी। मन प्रसन्न रहेगा। कोई बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। घर में खुशियों जैसा माहौल रहेगा। देवशयनी एकादशी के दिन पूजा के समय लक्ष्मी नारायण जी को श्रीफल और चावल की खीर अर्पित करें। साथ ही सफेद रंग की चीजों का दान करें।

    एकादशी मंत्र

    1. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ ।

    2. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं ॐ ह्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौं ऐं क्लीं ह्रीं श्री ॐ।

    3. ॐ नमो ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्लीं क्लीं श्रीं लक्ष्मी मम गृहे धनं देही चिन्तां दूरं करोति स्वाहा ॥

    4. शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्

    विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।

    लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्

    वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥

    5. मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुडध्वजः।

    मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

    6. दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।

    धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया, लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।

    7. ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद

    ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नमः॥

    8. ॐ वासुदेवाय विघ्माहे वैधयाराजाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||

    ॐ तत्पुरुषाय विद्‍महे अमृता कलसा हस्थाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||

    9. मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुडध्वजः।

    मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

    10. ॐ वासुदेवाय विघ्माहे वैधयाराजाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||

    ॐ तत्पुरुषाय विद्‍महे अमृता कलसा हस्थाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||

    यह भी पढ़ें: कब है सावन अमावस्या? एक क्लिक में नोट करें शुभ मुहूर्त और योग

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।