Sawan Amavasya 2025: कब है सावन अमावस्या? एक क्लिक में नोट करें शुभ मुहूर्त और योग
देवों के देव महादेव को सावन का महीना बेहद प्रिय है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस साल कुल 4 सावन सोमवार (Sawan 2025) है। वहीं 09 अगस्त को सावन पूर्णिमा मनाई जाएगी। सावन पूर्णिमा के दिन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व राखी मनाया जाएगा।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में सावन अमावस्या का खास महत्व है। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। इसके बाद विधि-विधान से देवी मां गंगा और भगवान शिव की पूजा करते हैं। इस समय गंगाजल से देवों के देव महादेव का अभिषेक करते हैं। सावन अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है।
गरुड़ पुराण में वर्णित है कि सावन अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण करने से पूर्वजों को तीन पीढ़ी के पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं, व्यक्ति विशेष को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। आइए, सावन अमावस्या की सही डेट, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं।
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सावन अमावस्या शुभ मुहूर्त (Sawan amavasya 2025 Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन अमावस्या 24 जुलाई को देर रात 02 बजकर 28 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 25 जुलाई को देर रात 12 बजकर 40 मिनट पर सावन अमावस्या तिथि का समपान होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। आसान शब्दों में कहें तो सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है।
इसके लिए 24 जुलाई को सावन अमावस्या मनाई जाएगी।
सावन अमावस्या शुभ योग (Sawan amavasya 2025 Shubh Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो सावन अमावस्या पर सुबह 09 बजकर 51 मिनट तक हर्षण योग है। वहीं, शाम 04 बजकर 43 मिनट से गुरु पुष्य योग और अमृत सिद्धि योग का संयोग है। इन योग में देवों के देव महादेव की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। वहीं, पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 38 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट पर
- चंद्रास्त- शाम 07 बजकर 16 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 15 मिनट से 04 बजकर 57 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 38 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक
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