Ravan Story: स्वर्ग की 5वीं सीढ़ी बनाने से चूक गया था रावण, जानिए कहां है बाकी की चार
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति अपने जीवन में अच्छे कर्म करता है उसकी मृत्यु के बाद उनकी आत्मा को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। वहीं इसके विपरीत जो व्यक्ति बुरे कर्म करता है उसकी आत्मा को मृत्यु के बाद नर्क झेलना पड़ता है। आइए जानते हैं रावण ने क्यों उन सीढ़ियों को बनवाया था

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। रावण एक शक्तिशाली योद्धा था। इसी के साथ वह एक प्रकांड विद्वान भी था। माना जाता है कि रावण ने स्वर्ग तक पहुंचने के लिए 4 सीढ़ियां (swarg tak jane ki sidi kaha hai) बना ली थी। अगर वह 5वीं सीढ़ी भी बना लेता, तो कोई भी व्यक्ति आसानी से स्वर्ग का सफर तय कर सकता था। चलिए जानते हैं कि वह 4 सीढ़ियां कहां-कहां हैं।
क्यों नहीं बना पाया 5वीं सीढ़ी
पौराणिक कथाओं के अनुसार, रावण भगवान शिव का परम भक्त था। एक बार उसने अपने 10 सिर में एक सिर काटकर महादेव को अर्पित कर दिया। रावण का त्याग देखकर भगवान शिव ने उसे एक वरदान मांगने को कहा।
इस पर शिव जी ने रावण से कहते हैं कि अगर तुम धरती पर अपने हाथों से स्वर्ग तक जाने के लिए 5 सीढ़ियों का निर्माण कर लोगे, तो मैं तुम्हें अमरता का वरदान दे दूंगा। रावण ने 4 सीढ़ियों का निर्माण तो कर लिया, लेकिन जब वह पांचवीं सीढ़ी बना रहा था, तो उसे नींद आ गई। जिस कारण वह पांचवीं सीढ़ी नहीं बना पाया और न ही स्वर्ग जा सका।
कहां है बाकी सीढ़ियां
पहली सीढ़ी - हरिद्वार में हर की पौड़ी वह पहली सीढ़ी मानी जाती है, जो रावण द्वारा स्वर्ग जाने के लिए बनाई गई थी। हर की पौड़ी पर गंगा स्नान के लिए हजारों भक्त आते हैं।
दूसरी सीढ़ी - रावण द्वारा बनाई गई स्वर्ग की दूसरी सीढ़ी हिमाचल प्रदेश के पौड़ीवाला में स्थित है। यह सीढ़ी इस स्थान पर मौजूद एक शिव मंदिर में बनाई गई थी। जिसकी मान्यता दूर-दूर तक फैली हुई है।
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तीसरी सीढ़ी - रावण द्वारा स्वर्ग जाने के लिए जो तीसरी सीढ़ी (Ravan Swarg Ki Sidhi) बनाई गई थी, वह हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित चुडेश्वर महादेव मंदिर से होकर जाती है।
चौथी सीढ़ी - रावण द्वारा बनाई गई स्वर्ग की चौथी सीढ़ी (Ravan heaven stairs story) किन्नर कैलाश में स्थित है, जो एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भी है। यहां दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
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