Apara Ekadashi 2025: घर में चाहते हैं मां लक्ष्मी का आगमन, तो अपरा एकादशी के दिन करें तुलसी के ये उपाय
सभी तिथियों में एकादशी को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2025) व्रत करने से साधक को जीवन में सभी सुख मिलते हैं। साथ ही भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में नया मार्गदर्शन मिलता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर महीने में दो बार एकादशी का व्रत किया जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा के नाम से जाना जाता है। इस दिन सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस बार अपरा एकादशी व्रत 23 मई को किया जाएगा।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, अपरा एकादशी व्रत को विधिपूर्वक करने से साधक के जीवन में आ रहे दुख और संकट दूर होते हैं। इस दिन मां तुलसी की पूजा की जाती है। अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2025) के अवसर पर मां तुलसी की पूजा और तुलसी से जुड़े उपाय करने से साधक की किस्मत चमक सकती है। साथ ही धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा से धन लाभ के योग बनते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि तुलसी से जुड़े उपायों के बारे में।
आर्थिक तंगी से मिलेगा छुटकारा
आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के लिए अपरा एकादशी का दिन शुभ माना जाता है। इस दिन सुबह स्नान करने के बाद तुलसी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें। इसके बाद सूखी हुई तुलसी की जड़ को पीले कपड़े में बांधकर घर के मुख्य द्वार पर बांध दें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है। साथ ही धन लाभ के योग बनते हैं।
जीवन में बनी रहेगी सुख-शांति
अपरा एकादशी के दिन तुलसी के पास देसी घी का दीपक जलाएं। मां तुलसी से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें और लाल चुनरी अर्पित करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है और जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी।
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भोग में जरूर शामिल करें तुलसी के पत्ते
अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं। भोग में तुलसी के पत्ते जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि भोग में तुलसी के पत्ते शामिल न करने से प्रभु भोग को स्वीकार नहीं करते हैं।
तुलसी जी के मंत्र
महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
मां तुलसी का पूजन मंत्र
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
तुलसी माता का ध्यान मंत्र
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।'
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