Apara Ekadashi 2025 Date: मई में कब किया जाएगा अपरा एकादशी व्रत, कैसे करें भगवान विष्णु की पूजा
हर महीने में 2 बार एकादशी व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2025) व्रत को विधिपूर्वक करने से साधक के सभी पाप दूर होते हैं और जगत के पालनहार भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। सनातन शास्त्रों में इस दिन दान करने का खास महत्व बताया गया है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में एकादशी तिथि को अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना होती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर अपरा एकादशी व्रत किया जाता है। इस दिन अन्न और धन समेत आदि चीजों का दान जरूर करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2025 Kab Hai) व्रत और दान को करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं अपरा एकादशी की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
अपरा एकादशी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Apara Ekadashi 2025 Date and Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 23 मई को देर रात 01 बजकर 12 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 23 मई को रात 10 बजकर 29 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि का खास महत्व है। ऐसे में अपरा एकादशी व्रत 23 मई को किया जाएगा और 24 मई को व्रत का पारण किया जाएगा।
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अपरा एकादशी 2025 व्रत पारण टाइम (Apara Ekadashi 2025 Vrat Paran Timing)
एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर किया जाता है। ऐसे में अपरा एकादशी व्रत का पारण 24 मई को किया जाएगा। इस दिन व्रत का पारण करने का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 26 मिनट से लेकर शाम 08 बजकर 11 मिनट तक है। इस दौरान किसी भी समय व्रत का पारण किया जा सकता है।
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 04 मिनट से 04 बजकर 45 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 35 मिनट से 03 बजकर 30 मिनट तक
अपरा एकादशी पूजा विधि (Apara Ekadashi Puja Vidhi)
- अपरा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- इसके बाद मंदिर में गंगाजल का छिड़काव करें।
- चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा को विराजमान करें।
- चंदन और फूलमाला चढ़ाएं।
- देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें।
- विधिपूर्वक श्रीहरि के मंत्रों का जप और विष्णु चालीसा का पाठ करें।
- अपरा एकादशी व्रत कथा का पाठ करें।
- फल और मिठाई आदि चीजों का भोग लगाएं।
- भोग थाली में तुलसी के पत्ते जरूर शामिल करें।
- धन और कपड़े समेत आदि चीजों का दान करें।
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