Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    May Ekadashi 2025 Dates: मई में कब-कब है एकादशी? जान लें सही डेट एवं महत्व

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 28 Apr 2025 07:29 PM (IST)

    भगवान विष्णु ने चिरकाल में दैत्यों को मोहित करने और देवताओं को अमृत पान कराने के लिए मोहिनी (May Ekadashi 2025) रूप धारण किया था। इसके बावजूद स्वरभानु अमृत पान करने में सफल हो गया था। हालांकि चंद्र और सूर्य देव ने स्वरभानु को पहचान लिया था। उस समय भगवान विष्णु ने स्वरभानु का वध कर दिया था।

    Hero Image
    May Ekadashi 2025: भगवान विष्णु को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में एकादशी तिथि का खास महत्व है। यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित होता है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में लक्ष्मी नारायण जी की विशेष पूजा एवं आरती की जाती है। साथ ही भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    धार्मिक मत है कि एकादशी के दिन लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी प्रकार के दुखों का नाश होता है। इसके अलावा, धन-संपत्ति में बढ़ोतरी होती है। इसके लिए साधक श्रद्धा भाव से एकादशी के दिन लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करते हैं। आइए, ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाली एकादशी की सही डेट, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

    यह भी पढ़ें: रुद्राक्ष की माला पहनने से मिलते हैं ये आध्यात्मिक लाभ, जानिए इसे धारण करने के नियम

    मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi 2025)

    वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन मोहिनी एकादशी मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार, 07 मई को सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी शुरू होगी और 08 मई को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि गणना अनुसार 08 मई को मोहिनी एकादशी मनाई जाएगी।

    अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2025)

    ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन अपरा एकादशी मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 23 मई को देर रात 01 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी और 23 मई को रात 10 बजकर 29 मिनट पर एकादशी तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इस प्रकार 23 मई को अपरा एकादशी मनाई जाएगी।

    महत्व

    एकादशी पर्व की महिमा शास्त्रों में विस्तार पूर्वक किया गया है। महाभारत काल में पांडव भी एकादशी व्रत करते थे। हालांकि, दिन भर भूखे न रह पाने के चलते भीम केवल निर्जला एकादशी के दिन व्रत रखते थे। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक द्वारा जाने-अनजाने में किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही व्रती पर धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।

    यह भी पढ़ें: कब से शुरू होगा चातुर्मास? यहां जानें सही डेट एवं धार्मिक महत्व

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।