May Ekadashi 2025 Dates: मई में कब-कब है एकादशी? जान लें सही डेट एवं महत्व
भगवान विष्णु ने चिरकाल में दैत्यों को मोहित करने और देवताओं को अमृत पान कराने के लिए मोहिनी (May Ekadashi 2025) रूप धारण किया था। इसके बावजूद स्वरभानु अमृत पान करने में सफल हो गया था। हालांकि चंद्र और सूर्य देव ने स्वरभानु को पहचान लिया था। उस समय भगवान विष्णु ने स्वरभानु का वध कर दिया था।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में एकादशी तिथि का खास महत्व है। यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित होता है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में लक्ष्मी नारायण जी की विशेष पूजा एवं आरती की जाती है। साथ ही भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है।
धार्मिक मत है कि एकादशी के दिन लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी प्रकार के दुखों का नाश होता है। इसके अलावा, धन-संपत्ति में बढ़ोतरी होती है। इसके लिए साधक श्रद्धा भाव से एकादशी के दिन लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करते हैं। आइए, ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाली एकादशी की सही डेट, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-
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मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi 2025)
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन मोहिनी एकादशी मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार, 07 मई को सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी शुरू होगी और 08 मई को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि गणना अनुसार 08 मई को मोहिनी एकादशी मनाई जाएगी।
अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2025)
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन अपरा एकादशी मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 23 मई को देर रात 01 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी और 23 मई को रात 10 बजकर 29 मिनट पर एकादशी तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इस प्रकार 23 मई को अपरा एकादशी मनाई जाएगी।
महत्व
एकादशी पर्व की महिमा शास्त्रों में विस्तार पूर्वक किया गया है। महाभारत काल में पांडव भी एकादशी व्रत करते थे। हालांकि, दिन भर भूखे न रह पाने के चलते भीम केवल निर्जला एकादशी के दिन व्रत रखते थे। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक द्वारा जाने-अनजाने में किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही व्रती पर धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।
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