Apara Ekadashi 2025: अपरा एकादशी के दिन जरूर ध्यान रखें ये नियम, मिलेगा व्रत का पूरा फल
हर महीने एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के निमित्त व्रत करने का विधान है। इस बार अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2025) का व्रत शुक्रवार 23 मई को किया जा रहा है। अगर आप एकादशी व्रत का पूर्ण लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए एकादशी व्रत के कुछ नियमों का ध्यान जरूर रखें।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर माह की एकादशी तिथि पर एकादशी का व्रत किया जाता है। इस प्रकार साल में कुल 24 एकादशी मनाई जाती हैं। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, एकादशी व्रत करने वाले साधक को भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है। जिससे उसके जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है।
रखें इन बातों का ध्यान
एकादशी के दिन चावल का सेवन करना वर्जित माना गया है। एकादशी का व्रत करने वाले साधक के साथ-साथ घर के बाकी सदस्यों को भी मांस, लहसुन, प्याज आदि के सेवन से दूरी बनानी चाहिए। ऐसा करने से पूरे परिवार पर प्रभु श्रीहरि की कृपा बनी रहती है।
तुलसी संबंधित नियम
एकादशी के दिन तुलसी से संबंधित नियमों का भी जरूरी रूप से ध्यान रखना चाहिए। एकादशी तिथि के दिन न तो तुलसी में जल अर्पित करना चाहिए और न ही तुलसी के पत्ते उतारने चाहिए। माना जाता है कि इस दिन पर मां तुलसी भगवान विष्णु के निमित्त व्रत करती हैं। ऐसे में इस दिन पर ये सभी कार्य करने से उनके व्रत में विघ्न उत्पन्न हो सकता है।
इसी के साथ एकादशी के दिन भगवान विष्णु के भोग में तुलसी जरूर शामिल करें, क्योंकि इसके बिना प्रभु श्रीहरि का भोग अधूरा माना जाता है। इसके लिए आप एक दिन पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़कर रख सकते हैं या फिर गमले में नीचे गिरे हुए पत्ते ले सकते हैं।
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नहीं मिलता व्रत का फल
एकादशी के दिन क्रोध करने से बचना चाहिए और न ही मन में किसी तरह के नकारात्मक विचार नहीं लाने चाहिए। इसके साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इसके साथ ही एकादशी व्रत का पारण करना भी जरूरी होता है, जो अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर किया जाता है। अगर आप व्रत के दौरान इन सभी बातों का ध्यान रखते हैं, तो इससे आपको व्रत का पूर्ण फल मिलता है।
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