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    Apara Ekadashi की पूजा थाली में इन चीजों को शामिल करने से व्रत होगा सफल, अभी नोट करें सामग्री लिस्ट

    भगवान विष्णु को एकादशी तिथि समर्पित है। इस व्रत को हर महीने में 2 बार किया जाता है। इस शुभ तिथि पर श्रीहरि के संग देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। वैदिक पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह में अपरा एकादशी व्रत किया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं अपरा एकादशी की पूजा थाली में किन चीजों को शामिल करना चाहिए।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 21 May 2025 10:12 AM (IST)
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    Apara Ekadashi 2025: अपरा एकादशी पूजा सामग्री लिस्ट

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। धार्मिक मान्यता के अनुसार, अपरा एकादशी व्रत करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में आ रहे दुख और संकट दूर होते हैं। इस तिथि पर श्रद्धा अनुसार दान गरीब लोगों या मंदिर में करना चाहिए। धार्मिक मत है कि एकादशी के दिन दान और पूजा करने से साधक को जीवन में धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है और धन लाभ के योग बनते हैं। अगर आप भी एकादशी के व्रत कर करते हैं, तो एकादशी से पहले ही पूजा में शामिल होने वाली चीजों को एकत्रित कर लें। ऐसे में आए जानते हैं अपरा एकादशी की (Apara Ekadashi Puja Samagri List) पूजा सामग्री की लिस्ट।

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    अपरा एकादशी पूजा सामग्री लिस्ट (Apara Ekadashi Puja Samagri List)

    • कुमकुम
    • पीला कपड़ा
    • फूल
    • मिठाई
    • फल
    • दीपक
    • आम के पत्ते
    • चौकी
    • अक्षत
    • पंचमेवा
    • धूप
    • भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा
    • घी

    अपरा एकादशी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Apara Ekadashi 2025 Date and Shubh Muhurat)

    कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत- 23 मई को देर रात 01 बजकर 12 मिनट पर

    कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का समापन- 23 मई को रात 10 बजकर 29 मिनट पर

    यह भी पढ़ें: Apara Ekadashi 2025: घर में चाहते हैं मां लक्ष्मी का आगमन, तो अपरा एकादशी के दिन करें तुलसी के ये उपाय

    अपरा एकादशी पूजा के समय श्रीहरि के मंत्रों का जप जरूर करना चाहिए। साथ ही दान जरूर करें। ऐसा माना जाता है कि अपरा एकादशी के दिन इन शुभ कामों को करने से साधक को शुभ फल मिलता है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

    विष्णु गायत्री मंत्र

    ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥

    विष्णु मंगल मंत्र

    मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः। मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

    माता लक्ष्मी मंत्र

    ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः।।

    ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद। श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:।।

    ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि, तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।