Move to Jagran APP

हिसा का मार्ग दुख से भरा : अचल मुनि

एसएस जैन स्थानक शिवपुरी सभा के तत्वाधान में जारी चातुर्मास सभा में गुरुदेव अचल मुनि महाराज ने कहा कि आज व्यक्ति हिसक बनता जा रहा है। हिसा का अर्थ है जो व्यक्ति क्रुरता से भरा है जिसके जीवन में प्रेम प्यार सौहार्द सहयोग की सरिता सुख है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 06:05 PM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 06:05 PM (IST)
हिसा का मार्ग दुख से भरा : अचल मुनि

संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक शिवपुरी सभा के तत्वाधान में जारी चातुर्मास सभा में गुरुदेव अचल मुनि महाराज ने कहा कि आज व्यक्ति हिसक बनता जा रहा है। हिसा का अर्थ है जो व्यक्ति क्रुरता से भरा है, जिसके जीवन में प्रेम प्यार सौहार्द सहयोग की सरिता सुख है। जो दूसरे को दूसरा मान बैठा है। उसी का नाम हिसा है। हिसा की बुनियाद दूसरा मानने पर ही कायम है। जहां पर दूसरों को दुख देने की भावना बनी हो, वही हिसा है। हिसा के अंदर व्यक्ति क्रुर हो जाता है। दूसरों के सुखों को लूट कर वह स्वयं सुखी होने का झूठ स्वप्न देखता है। हिसा का मार्ग दुखों भरा मार्ग है। प्रभु महावीर ने कहा आत्म कल्याण के लिए ह्दय में प्रेम सहयोग अपनत्व का जीवन में होना बहुत जरुरी है। जब दूसरापन से व्यक्ति दूर होता है, तभी अहिसा का भाव जन्म लेता है। इस दौरान भरत मुनि महाराज ने कहा कि अपनों से दूरियां धुएं की तरह होती है। जितनी बढ़ाएंगे, उतनी घुटन होगी और नजदीकियां धुंध की तरह है। जितना पास आएंगे, उतनी राहत होगी। बस एक ही सबक याद रखियेगा, संबंध, रिश्ते और दोस्ती में नीयत साफ रखियेगा। इस अवसर पर सभाध्यक्ष विनीत जैन, महामंत्री राजीव जैन, प्रदीप जैन पिटू, कुलदीप जैन, अशोक जैन भाबू, प्रवीण जैन, प्रिस जैन, राजेश जैन आदि शामिल थे।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.