Fight against Coronavirus: पांच मरीजों के सैंपल की एक साथ होगी जांच, जल्द आएगी रिपोर्ट
पंजाब में कोरोना वासरस की जांच में अब तेज आएगी। अब एक साथ पांच मरीजों के सैंपलों की जांच एक साथ होगी। इनकी जांच रिपोर्ट भी जल्द आएगी।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब में अब कोराेना वायरस के खिलाफ जंग में आसानी होगी और इससे संक्रमित मरीजों का पता लगाने में तेजी आएगी। अब एक साथ पांच सैंपलाें की जांच हो सकेगी और इनकी रिपोर्ट भी जल्दी आएगी। इससे मरीजों का इलाज करने में भी आसानी होगी।
दो दिनों से चल रहा ट्रायल हुआ सफल, टेस्ट किट की भी होगी बचत
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) की मास टेस्टिंग के निर्देश की रिपोर्ट के सकारात्मक परिणाम आए हैं। पंजाब में दो दिनों से मास टेस्टिंग की जा रही थी। इसके 100 फीसद परिणाम आए हैं। इसके बाद अब संदिग्ध कोरोना मरीजों के सैंपल पूल करके एक साथ टेस्ट किए जाएंगे। इससे न सिर्फ टेस्ट किट की बचत होगी, बल्कि लैब की क्षमता भी तीन से चार फीसद बढ़ जाएगी। टेस्ट की रिपोर्ट भी जल्दी आएगी।
क्या है मास टेस्टिंग
अभी तक हर कोरोना संदिग्ध मरीजों का लैब में अलग-अलग टेस्ट किया जाता था। अगर औसत 100 टेस्ट किए जाते थे तो उसमें से चार या पांच पॉजिटिव केस आते थे, जबकि 100 टेस्ट किट का प्रयोग होता था। इसे देखते हुए आइसीएमआर कम संवेदनशील क्षेत्रों के संदिग्ध मरीजों के सैंपल को पूल करने के निर्देश दिए। यानी पांच मरीजों के सैंपल की एक साथ टेस्टिंग की जाएगी। अगर यह रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो फिर सभी संदिग्ध की अलग-अलग जांच जाएगी। अगर रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो सभी संदिग्ध एक साथ नेगेटिव हो जाएगी।
अलग-अलग टेस्ट की जरूरत नहीं
इस तकनीक से अलग-अलग टेस्ट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और न ही अलग टेस्टिंग किट के प्रयोग की जरूरत पड़ेगी। संदिग्ध मरीज के दो सैंपल लिए जाते हैं। ऐेसे में एक सैंपल को पूल किया जाएगा।
पेंडिंग रह जाती है 600 सैंपलों की रिपोर्ट
पूल किया गया सैंपल पॉजिटिव आता है तो सभी संदिग्ध का अलग-अलग टेस्ट होगा। उससे यह पता चलेगा कि कौन से मरीज में कोरोना के लक्षण है। वर्तमान में रोजाना करीब 600 सैंपल की रिपोर्ट पेंडिंग रह जाती है। पंजाब में एक दिन में लैब टैस्ट की क्षमता 800 के करीब है।
आइसीएमआर ने दी थी सलाह
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ओपी सोनी ने कहा कि जर्मनी और इजरायल के शोधकर्ताओं ने इस विधि की पहले ही पुष्टि कर दी थी। आइसीएमआर ने पूल्ड टेस्टिंग पर 13 अप्रैल को सलाह जारी की थी। इसमें बताया गया था कि इस विधि का प्रयोग कैसे करना है। इसका पंजाब की वीआरडी लैब्स में हूबहू पालन किया जा रहा है। तुरंत इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया था।
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