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Fight against Covid-19: दूध-दही का खाणा, इसलिए यहां मात खा रहा महामारी कोरोना

हरियाणा में कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक होकर इस महामारी को मात दे रहे हैं। इसका कारण है यहां दूध-दही का खाना यानि पौष्टिक खानपान। जानें कोरोना को मात देने को क्‍या खानपान सही है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 14 Apr 2020 04:48 PM (IST)Updated: Tue, 14 Apr 2020 09:53 PM (IST)
Fight against Covid-19: दूध-दही का खाणा, इसलिए यहां मात खा रहा महामारी कोरोना
Fight against Covid-19: दूध-दही का खाणा, इसलिए यहां मात खा रहा महामारी कोरोना

रोहतक, [पुनीत शर्मा]। हरियाणा लगातार कोरोना महामारी को मात देने में जुटा है। राज्‍य में कोराेना के पॉजिटिव मरीज लगातार ठीक हो रहे हैं। कोरोना वायरस का कहर पूरे देश में चल रहा है, और प्रदेश में भी करीब 189 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं, मरीज ठीक होकर लगातार अस्‍पतालाें से घर जा रहे हैं। इसका कारण हरियाणा में दूध-दही का खाणा यानि अच्‍छा खानपान है। डाॅक्‍टरों का कहना है कि बेहतर इम्‍यूनटी (शरीर की प्रतिरोधक क्षमता) के कारण कोराेना से उबरने में मरीजों काे आसानी हो रही है।

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हरियाणा के आंकड़ों पर नजर की जाए तो अन्य प्रदेशों की अपेक्षा यहां कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने की संख्या अधिक है। विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि हरियाणा का खान-पान अन्य राज्यों के खानपान से बेहतर है। इसके चलते यहां के लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य राज्यों के लोगों के सापेक्ष अधिक है। जिसके चलते प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीज जल्द ठीक हो रहे है।

रोहतक पीजीआइ में 13 पॉजिटिव पाए गए मरीजों में से 12 पूरी तरह ठीक

कोरोना संक्रमित और आशंकित मरीजों की जांच के लिए रोहतक के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआइएमएस) की वीआरडीएल (वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैबोरेट्री) में चिकित्सकों की टीम जांच करने में जुटी है। लैब के चिकित्सकों के मुताबिक प्रदेश के लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक है। लैब में जांच कराने वाले 13 मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए मरीज ठीक हुए। इन मरीजों में से 12 मरीज ऐसे थे जिनकी दूसरी जांच रिपोर्ट दस दिनों के अंदर ही निगेटिव आ गई।

लोगों की इम्युनिटी अधिक होने के कारण जल्द ठीक हो रहे लोग

मतलब साफ है कि उक्त लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक थी, जिसके चलते उन्होंने कोरोना वायरस को जल्द ही मात दे दी। प्रदेश के आंकड़े को देखा जाए तो अभी तक कुल संक्रमित 186 मरीजों में से 31 लोग ऐसे हैं जो ठीक होकर घर जा चुके हैं, जबकि केवल पांच लोगों की मौत हुई है। प्रदेश में ठीक हुए मरीजों की संख्या भी देश के बड़े-बड़े राज्यों से काफी अधिक है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक तो संक्रमण का खतरा कम

चिकित्सकों के मुताबिक यदि व्यक्ति स्वस्थ है तो उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है। ऐसे लोगों के शरीर में कोरोना वायरस को हराने के लिए निरंतर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले तत्व (एंटी बॉडीज) अधिक बनते हैं। जिसके चलते वह किसी भी वायरस से लड़ने की क्षमता रखते हैं।

पौष्टिकता वाले खाद्य पदार्थ लें

वीआरडीएल इंचार्ज डाॅ. परमजीत सिंह गिल के मुताबिक हरियाणा में दूध-दही के साथ हरी सब्जियों व फलों का अधिक सेवन होता है। इसके चलते यहां के लोगों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि प्रतिदिन खाने में दही व लस्सी का अधिक इस्तेमाल करें। साथ ही खाने में हरी सब्जियों, दालों के साथ सलाद का भी प्रयोग करें, इससे न केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी, बल्कि संबंधित व्यक्ति को आयरन, कैल्शियम, विटामिन समेत अन्य पोषक तत्व भी भरपूर मात्रा में मिलेंगे।

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'' हरियाणा में बेहतर खानपान के चलते लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य प्रदेशों के लाेगों की अपेक्षा अधिक है। चार दिन पहले तक पीजीआइ में जिन मरीजों की जांच हुई उनमें से 13 मरीज ठीक हुए हैं, जबकि 12 मरीजों की रिपोर्ट दस दिन के अंदर ही निगेटिव आई थी। अन्य संक्रमित लोगों की सेहत में भी सुधार हो रहा है।

                                                           - डा. परमजीत सिंह गिल, प्रोफेसर वीआरडीएल, पीजीआइएमएस।

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