पंजाब ई-वाहनों की रफ्तार में अव्वल, 2025 में रिकॉर्ड पंजीकरण, हरियाणा समेत पड़ोसी राज्यों को छोड़ा पीछे
पंजाब ने ई-वाहनों के पंजीकरण में हरियाणा और अन्य पड़ोसी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। 2025 में रिकॉर्ड पंजीकरण के साथ, पंजाब इलेक्ट्रिक वाहनों को अपना ...और पढ़ें

2025 में सर्वाधिक पंजीकरण हुआ।
रोहित कुमार, चंडीगढ़। पंजाब में इलेक्ट्रिक वाहनों (ई-वाहनों) की बढ़ती रफ्तार ने साफ संकेत दे दिया है कि राज्य अब हरित और टिकाऊ परिवहन की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2025 में पंजाब में कुल 23,899 ई-वाहन पंजीकृत हुए, जो पिछले साल 2024 के मुकाबले 14 प्रतिशत अधिक हैं।
बीते वर्ष राज्य में 20,894 ई-वाहनों का पंजीकरण हुआ था। यह आंकड़े न सिर्फ ई-वाहनों पर बढ़ते भरोसे को दर्शाते हैं, बल्कि यह भी साबित करते हैं कि पंजाब ने इस क्षेत्र में अपने पड़ोसी राज्यों से बेहतर प्रदर्शन किया है। केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से लोकसभा में पेश रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री के मामले में पंजाब ने हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर को पीछे छोड़ दिया है।
| साल | पंजाब में पंजीकृत वाहन |
| 2025 | 23,899 |
| 2024 | 20,894 |
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जहां पंजाब में 2025 में 23,899 ई-वाहन पंजीकृत हुए, वहीं हरियाणा में यह संख्या 17,043, जम्मू-कश्मीर में 2,649 और हिमाचल प्रदेश में मात्र 1,542 रही। दोपहिया ई-वाहनों की सबसे ज्यादा मांग राज्य में ई-वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता का सबसे बड़ा हिस्सा दोपहिया वाहनों का है।
इस साल 21,229 दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हुए, जबकि 2,670 चारपहिया ई-वाहन सड़कों पर उतरे। विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ती पेट्रोल-डीजल कीमतें, कम रखरखाव खर्च और पर्यावरण के प्रति बढ़ती जागरूकता इसके प्रमुख कारण हैं।
| राज्य | 2025 में पंजीकृत वाहन |
| पंजाब | 23,899 |
| हरियाणा | 17,043 |
| जम्मू कश्मीर | 2,649 |
| हिमाचल प्रदेश | 1,542 |
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ई-वाहन नीति 2023 का दिखा असर
पंजाब सरकार की ओर से फरवरी 2023 में लागू की गई इलेक्ट्रिक व्हीकल पालिसी का असर अब जमीन पर साफ दिखाई देने लगा है। इस नीति के तहत राज्य सरकार ने ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए 50 करोड़ रुपये से अधिक के इन्सेंटिव की घोषणा की थी। साथ ही चार्जिंग स्टेशन और आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास पर भी जोर दिया गया।
सरकार का उद्देश्य सिर्फ बिक्री बढ़ाना नहीं, बल्कि प्रदूषण पर नियंत्रण और स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा देना भी है। वहीं राज्य में सार्वजनिक परिवहन को भी इलेक्ट्रिक बनाने की दिशा में कदम तेज हो गए हैं। जालंधर, लुधियाना, अमृतसर और पटियाला जैसे बड़े शहरों में ई-बसों की शुरुआत की जा रही है, जिससे आम लोगों को सस्ता और प्रदूषण मुक्त सफर मिलेगा।
पिछले वर्षों में लगातार बढ़ोतरी
आंकड़े बताते हैं कि पंजाब में ई-वाहनों का ग्राफ लगातार ऊपर चढ़ा है। वर्ष 2020 में जहां ई-वाहनों की संख्या बेहद सीमित थी, वहीं 2021 और 2022 में इसमें तेजी आई। 2023 और 2024 के बाद 2025 में रिकार्ड पंजीकरण इस बात का प्रमाण है कि राज्य की नीति और लोगों की सोच दोनों बदल रही हैं।कुल मिलाकर, पंजाब का ई-वाहन सेक्टर न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मजबूत कदम है, बल्कि यह आने वाले वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था और रोजगार के नए अवसर भी खोल सकता है।

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