मनरेगा योजना में किए संशोधन के खिलाफ पंजाब सरकार ने बुलाया 30 दिसंबर को विशेष सत्र
मनरेगा योजना को बदलने के विरोध में कांग्रेस के मैदान में उतरते ही, आम आदमी पार्टी ने 30 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। कैबिनेट बैठक के बा ...और पढ़ें

कैबिनेट बैठक में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए मंत्री हरपाल चीमा।
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। मनरेगा योजना को बदलकर विकसित भारत जी राम जी करने के खिलाफ कांग्रेस के मैदान में उतरते ही आम आदमी पार्टी ने तीस दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुला लिया है। इसकी जानकारी कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री हरपाल चीमा ने मीडिया से बातचीत करते हुए दी।
अभी बीते कल ही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने का था कि विशेष सत्र जनवरी के मध्य में बुलाया जाएगा। कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर इस बिल के खिलाफ सड़कों पर उतरने की घोषणा की तो आम आदमी पार्टी ने भी अपना फैसला बदलकर विशेष सत्र बुलाने की तारीख 30 दिसंबर को कर दी। जिसमें पार्टी न केवल मनरेगा योजना को बदलने को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रस्ताव पारित करेगी, बल्कि इसमें कई और योजनाओं को भी शामिल करेगी जिसमें राज्यों को नुकसान हो रहा है।
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करोड़ों लोग जुड़े हैं इस बिल से
काबिले गौर है कि मनरेगा योजना में करोड़ों लोग जुड़े हुए हैं इसलिए कांग्रेस यह चाहती है कि इसे केंद्र में भाजपा नीत एनडीए सरकार के खिलाफ एक मजबूत हथियार के रूप में उपयोग किया जाए। ऐसे में पंजाब की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी भी पीछे कैसे रह सकती है, वह भी उस समय जब अगले साल पार्टी को विधानसभा के चुनाव में उतरना है।
जी राम जी योजना का विरोध करके पार्टी पूरे राज्य में अपने वर्करों और वालंटियरों को संगठित करना चाहती है। विधानसभा का विशेष सत्र तीस दिसंबर को बुलाने के पीछे एक और बड़ा कारण यह भी नजर आ रहा है कि अब सरकार को राज्यपाल का अभिभाषण नहीं करवाना पड़ेगा।
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हर वर्ष का पहला सत्र राज्यपाल के अभिभाषण से होता है
ज्ञात हो कि किसी भी वर्ष का पहला सत्र राज्यपाल के अभिभाषण से ही शुरू होता है। अगर सरकार जनवरी के मध्य में विशेष सत्र बुलाती तो उसे राज्यपाल के अभिभाषण से इसकी शुरुआत करनी पड़ती जो कि अभी तैयार भी नहीं है। इसलिए तीस दिसंबर को विशेष सत्र बुलाने का फैसला लिया गया है। यानी पार्टी ने एक तीर से दो निशाने साधने का प्रयास किया है।
कैबिनेट की बैठक के बाद वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि केंद्र सरकार बाबा साहिब भीम राव अंबेडकर के संविधान के पन्नों को एक एक करके फाड़ने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि हम इसके नाम विकसित भारत जी राम जी के खिलाफ नहीं हैं लेकिन केंद्र सरकार ने इसमें जो संशोधन किए हैं उसके खिलाफ हैं।
30 दिसंबर को होगा विचार
इसका पूरा खुलासा करने के लिए तीस दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा। चीमा ने कहा कि नए बिल में कहने को मजदूरी के दिन बढ़ा दिए गए हैँ लेकिन असल में यह काम देने के मामले में कटौती कर दी है। यही नहीं, मनरेगा योजना के तहत गांवों के तालाबों की सफाई जो साल में दो बार की जा सकती थी को एक बार कर दिया गया है। लोगों को इस तरह के प्रावधानों का पता न लगे इसलिए इसका नाम जी राम जी कर दिया लेकिन हम केंद्र सरकार के छिपे हुए संशोधन को विधानसभा के विशेष सत्र में उजागर करके रहेंगे।

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