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    क्या चंडीगढ़ ब्रिटिश कॉलोनी है, जो हर मामले में भेदभाव होता है : हाईकोर्ट

    By Ankit KumarEdited By:
    Updated: Wed, 09 Aug 2017 12:22 PM (IST)

    एयरपोर्ट के रनवे की रिकार्पेटिंग के मामले में कोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के दबाव में हमेशा चंडीगढ़ के साथ भेद ...और पढ़ें

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    क्या चंडीगढ़ ब्रिटिश कॉलोनी है, जो हर मामले में भेदभाव होता है : हाईकोर्ट

    जेएनएन,चंडीगढ़। केंद्र ने सदा चंडीगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार किया है। वह नहीं चाहती कि चंडीगढ़ से कोई इंटरनेशनल फ्लाइट चले। दिल्ली के दवाब में हमेशा यह साजिश चलती रहती है कि चंडीगढ़ एयरपोर्ट को कैसे फेल किया जाए। हाईकोर्ट के जस्टिस एसएस सारों पर आधारित खंडपीठ ने मंगलवार को यह प्रतिक्रिया उस अर्जी पर करते हुए दी, जिसमें कहा गया था कि इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे की रिकार्पेटिंग के चलते छह महीने तक शाम के बाद एयरपोर्ट से फ्लाइट्स बंद की जा रही हैं।

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    हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि यह पहली मिसाल होगी जहां एयरपोर्ट बनने के तीन साल बाद रनवे की रिकार्पेटिंग का काम शुरू होगा। इससे साफ है कि केंद्र सरकार व दिल्ली में बैठी अफसरशाही नहीं चाहती कि चंडीगढ़ से इंटरनेशनल फ्लाइट्स चलें। बेंच ने कहा कि पीयू हो या एयरपोर्ट, पीजीआइ हो या डेंटल कॉलेज हर मामले में केंद्र चंडीगढ़ प्रशासन के साथ सौतेला व्यवहार करता नजर आता है।

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    हाईकोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाते हुए पूछा कि क्या दिल्ली वालों के लिए चंडीगढ़ ब्रिटिश कॉलोनी है जो केंद्र हर स्तर पर इसके साथ भेदभाव करता हैं। जस्टिस एसएस सारों एवं जस्टिस अवनीश ङिांगन की खंडपीठ ने एक बार फिर कहा कि यह करोड़ों का घोटाला है और इसकी सीबीआइ जांच जरूरी हैं। एक बार तो हाईकोर्ट ने सीबीआइ के वकील को के दौरान बुला भी लिया था। लेकिन बाद में केंद्र सरकार के आग्रह पर सीबीआइ को कोई निर्देश नहीं दिए गए। बावजूद इसके उन्हें कहा है कि वो देखें की इस मामले में क्या किया जा सकता हैं।

    हाईकोर्ट ने कहा की रनवे की रिकार्पेटिंग के चलते अक्टूबर में प्रतिदिन 14 घटें और नवंबर में प्रतिदिन 13 फ्लाइट्स बंद रहेंगी तो इस बारे में पहले निर्णय क्यों नहीं लिया गया। केंद्र का यह पूरा खेल समझ में आ रहा है कि वो खासतौर पर उस समय फ्लाइट्स बंद करना चाहती हैं, जब त्योहारों का मौसम शुरू होगा तो लोग अधिक फ्लाइट्स लेना चाहेंगे।

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    क्यों न इसे बंद कर किसानों को जमीन वापस कर दें

    हाईकोर्ट ने कहा कि इससे अच्छा तो यही है की आप इस एयरपोर्ट को बंद करो, और इसकी जमीन वापस किसानों को दे दो और आगे मामले में सीबीआइ जांच कर लेगी। हम तो पिछले दो वषों से यही कहते आ रहे हैं, लेकिन केंद्र के अधिकारी हैं की वो कुछ करना ही नहीं चाहते। रनवे की रिकार्पेटिंग की कितनी फ्लाइट्स और एयरलाइंस प्रभावित होंगी इसके बारे में केंद्र सरकार ने सोचा ही नहीं, आपने कह दिया की रिकार्पेटिंग करनी हैं। क्या एक बार फ्लाइट्स बंद होने के बाद दोबारा कौन एयरलाइंस यहां से फ्लाइट्स शुरू करने को तैयार होगी।

    10 तक तय कर बताएं कितनी एयरलाइंस एडजस्ट करती हैं

    रनवे की रिकार्पेटिंग के चलते जो फ्लाइट्स का शेड्यूल प्रभावित होगा इसके लिए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिए हैं कि वो 10 अगस्त को एयरफोर्स सहित अन्य सभी एयरलाइंस के साथ बैठक करे, जिसमें सीनियर एडवोकेट एमएल सरीन भी शामिल होंगे। बैठक में यह तय किया जाए की इस नए शेड्यूल के चलते यहां से ऑपरेट करनी वाली एयरलाइंस कैसे इस शेड्यूल के साथ एडजस्ट करती हैं और अपनी फ्लाइट्स के समय में किस तरह बदलाव कर सकती हैं ताकि चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट से इंटरनेशनल और घरेलू फ्लाइट्स में कमी न आए।

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    केंद्र सरकार की तरफ से दायर अर्जी में क्या था

    चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट में रनवे की रिकार्पेटिंग का काम आरंभ किया जा रहा है। केंद्र इस मामले में देरी नहीं चाहती है इसलिए नवंबर के स्थान पर अक्टूबर में ही यह काम आरंभ करना चाहती है। इसके लिए रनवे को कुछ समय के लिए बंद करना होगा। केंद्र ने बताया कि उनकी योजना के अनुसार शाम को 3 से सुबह 5 बजे तक रनवे को उड़ानों के लिए बंद कर दिया जाएगा और इस अवधि के दौरान ही रिकार्पेटिंग का काम पूरा किया जाएगा।