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    नोटबंदी के बाद फर्जी कंपनियाें और फर्जी कारोबार का खुलासा, खेतों के भी दिए थे पते

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Sun, 11 Jun 2017 10:16 AM (IST)

    नोटंबंदी के बाद पंजाब में कंपनी बनाकर फर्जी कारोबार करने की गाेरखधंधा शुरू हाे गया। जांच में 4687 ऐसी कंपनियां का खुलासा हुआ है। अब इनके कर्ताधर्ताओं को नोटिस जारी किए जा रहे हैं।

    नोटबंदी के बाद फर्जी कंपनियाें और फर्जी कारोबार का खुलासा, खेतों के भी दिए थे पते

    चंडीगढ़, [मनोज त्रिपाठी]। नोटबंदी के बाद पंजाब में फर्जी कारोबार करने वाली 4687 कंपनियों की पहचान की गई है। कंपनी मामले विभाग के रजिस्ट्रार ने इन कंपनियों को नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू की है। इनमें से 1700 कंपनियों को नोटिस भेजे जा चुके हैं। अन्य को भी भेजे जा रहे हैं।

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    जांच में खुलासा हुआ है कि ये कंपनियां कागजों पर ही कारोबार कर रही हैं। इनकी लिस्ट आयकर विभाग को  भी भेजी गई है और इन कंपनियों की ओर से किए गए करोड़ों रुपये के बोगस कारोबार की पड़ताल करने को कहा गया है।

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    केंद्र सरकार की ओ से नोटबंदी के बाद सरकार के कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने सभी कंपनियों के ट्रांजेक्शन के लिए विशेष सॉफ्टवेयर से ट्रैक करवाया था। सॉफ्टवेयर के साथ पंजीकृत कंपनियों की ओर से की गई हर प्रकार की ट्रांजेक्शन की जानकारी एकत्र की गई।

    जनवरी से शुरू किए गए इस अभियान के बाद पंजाब व चंडीगढ़ की 4687 कंपनियों को चिह्नित किया गया है। इन कंपनियों ने मंत्रालय को अपने कारोबार की सही जानकारी नहीं दी है। साथ ही इनकम टैक्स विभाग व कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय को सालाना रिटर्न भी सही तरीके से नहीं दाखिल करवाई है। कई कंपनियों ने इनकम टैक्स रिटर्न भरे हैं, तो कइयों ने कंपनी रिटर्न भरे हैं, लेकिन उक्त चार हजार से ज्यादा कंपनियों ने तमाम जानकारियों को रिटर्न में छिपाया है।

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    खास तौर पर नोटबंदी के बाद इनकी ओर से किए गए करोड़ों के कारोबार किस चीज को लेकर किए गए हैं और दिए गए फ्रेंडली लोन के बारे में भी विभाग को जानकारी मिली है कि लोन में भी लोन लेने वालों के बारे में सही जानकारी नहीं उपलब्ध करवाई गई है।

    कॉरपोरेट अफेयर्स विभाग के सूत्र बताते हैं कि इन कंपनियों में से 900 ऐसी हैं, जिन्होंने नोटबंदी के बाद मोटे ट्रांजेक्शन संबंधी रिटर्न फाइल की है, जो सालों से उनके द्वारा फाइल की जा रही रिटर्न से कई गुना ज्यादा कारोबार दिखा रही है। इनके दफ्तरों की भी पड़ताल करवाने के बाद विभाग को जानकारी मिली है कि करीब 3000 कंपनियां ऐसी हैं, जिनके द्वारा दिए गए पतों पर उनके दफ्तर है ही नहीं।

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    इनमें से 1876 कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने रिहायशी इलाकों में अपने दफ्तर कागजों पर दिखाए हैं, लेकिन मौके पर वहां न तो कंपनी मिली और न ही कंपनियों का कोई डायरेक्टर या मुलाजिम वहां मिला। अब इन्हें नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इसके बाद विभागीय कारवाई करके इन्हें बंद करने व इनके संचालकों के खिलाफ केस दर्ज करवाए जाएंगे।

    खेतों में भी बना डाली कंपनियां

    कंपनी मामला‍ विभाग के रजिस्ट्रार द्वारा मामले की पड़ताल करवाई गई तो पंजाब में कई कंपनियां ऐसी भी निकली हैं, जिनके दफ्तर खेतों में दिखाए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा कंपनियां मंडी गोबिंदगढ़ व लुधियाना के आस-पास के इलाकों के पतों पर हैं। कागजों पर इन कंपनियों का कारोबार करोड़ों रुपये का है, लेकिन जांच में 400 से ज्यादा कंपनियों के दफ्तरों के पतों पर खेत मिले हैं। कइयों के पते पर महज ट्यूबवेल लगे हैं, लेकिन कंपनियों का कोई अता-पता नहीं हैं।

    राज्‍य में इन जगहों पर निकलीं बोगस कारोबार करनी वाली कंपनियां

    मंडी गोबिंदगढ़- 2340
    लुधियाना-       1267
    बटाला-            405
    जालंधर-          877
    अमृतसर-         695
    मोहाली-          095
    चंडीगढ़-          108