किसानों ने कल रेल रोकने की चेतावनी दी, बठिंडा में डीसी दफ्तर के सामने धरने पर बैठे
बठिंडा और मानसा में किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर डीसी कार्यालय के सामने भाकियू का धरना। कल रेल रोको आंदोलन की चेतावनी दी। किसान नेताओं ने सरकार पर ...और पढ़ें

बठिंडा में डीसी कार्यालय के बाहर बैठे किसान।
जागरण संवाददाता, बठिंडा। बठिंडा और मानसा जिलों में भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) की ओर से किसान-मजदूर मोर्चा के आह्वान पर डीसी कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन शुरू किया है।इसी दौरान यूनियन ने कल, शनिवार, रेल रोको आंदोलन करने की चेतावनी दे दी है।
प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर किसानों की जायज मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। इस मौके पर प्रदेश कमेटी सदस्य बलवंत महाराज ने कहा कि शंभू बॉर्डर पर चले आंदोलन के दौरान किसानों को भारी आर्थिक और मानसिक नुकसान उठाना पड़ा।
उन्होंने बताया कि आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के परिवारों को सरकारी नौकरी और उचित मुआवजा देने की मांग को लेकर कई बार सरकार को ज्ञापन सौंपे गए और शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी किए गए, लेकिन भगवंत मान सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार किसानों की समस्याएं सुनने के बजाय पराली जलाने के मुद्दे को लेकर किसानों के खिलाफ ही मुकदमे दर्ज कर रही है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
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मांगें ना मानी तो कल रोकेंगे ट्रेनें
बलवंत महाराज ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने जल्द ही किसानों की मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया तो 20 दिसंबर को किसान मजबूर होकर रेल रोको आंदोलन करेंगे और रेलवे पटरियों पर बैठकर विरोध दर्ज कराएंगे। उन्होंने कहा कि इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
वहीं जिला प्रधान पुरुषोत्तम महाराज ने केंद्र सरकार द्वारा संसद में लाए जा रहे बिजली संशोधन बिल 2025 को आम जनता की जेब पर सीधा हमला बताया। उन्होंने कहा कि यह बिल बिजली व्यवस्था को पूरी तरह निजी हाथों में सौंपने की साजिश है।
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स्मार्ट मीटर नई नीति का हिस्सा बताया
स्मार्ट मीटरों को भी इसी नीति का हिस्सा बताते हुए उन्होंने कहा कि आम लोग इसका खुलकर विरोध कर रहे हैं, लेकिन पंजाब सरकार इस पूरे मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है, जिससे साफ होता है कि वह इस जनविरोधी बिल के समर्थन में खड़ी है।
किसान नेताओं ने स्पष्ट कहा कि यदि सरकार ने जल्द बातचीत शुरू नहीं की और मांगों का समाधान नहीं किया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। धरना प्रदर्शन के दौरान बठिंडा और मानसा जिलों के कई किसान नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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