शिक्षा विभाग ने दिया 'स्कूल ऑफ एमिनेंस' का दर्जा, सुविधा के नाम पर न अध्यापक, न ही हैं कमरे
बरनाला के महल कलां स्थित 'स्कूल ऑफ एमिनेंस' में बुनियादी सुविधाओं और अध्यापकों की कमी है, जिससे विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में है। स्कूल में साइंस औ ...और पढ़ें

बरनाला का शहीद बीबी किरणजीत कौर मेमोरियल स्कूल ऑफ एमिनेंस।
जागरण संवाददाता, बरनाला। आप सरकार पंजाब ने शिक्षा क्रांति के लिए जिलों में स्कूल ऑफ एमिनेंस बनाए। इनमें कई स्कूल ऐसे हैं, जिनके नाम तो बदले, लेकिन सुविधाएं देना सरकार भूल गई। बरनाला जिले के महल कलां स्थित सरकार द्वारा घोषित मॉडल स्कूल ऑफ एमिनेंस में बुनियादी सुविधाओं और अध्यापकों की भारी कमी है।
हालात ऐसे हैं कि यहां बच्चों की पढ़ाई और भविष्य दोनों खतरे में पड़ते दिखाई दे रहे हैं। महल कलां के शहीद किरणजीत कौर मेमोरियल सेकेंडरी स्कूल को शिक्षा विभाग ने ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’का दर्जा तो दे दिया, लेकिन सुविधाओं के नाम पर न तो पर्याप्त अध्यापक उपलब्ध कराए गए और न ही जरूरी कक्षाएं।
स्कूल में साइंस और कॉमर्स जैसे अहम ग्रुप संचालित किए जा रहे हैं, लेकिन इन्हीं विषयों के अध्यापक ही नहीं हैं।
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विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में
स्कूल में 11वीं और 12वीं साइंस ग्रुप में कुल 26 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं, जबकि केमिस्ट्री, फिजिक्स और बायोलॉजी का एक भी लेक्चरर तैनात नहीं है। इसी तरह कॉमर्स ग्रुप की दोनों कक्षाओं में 21 विद्यार्थी हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए केवल इकोनॉमिक्स का लेक्चरर उपलब्ध है।
मास्टर कैडर में भी पंजाबी, गणित और साइंस जैसे अनिवार्य विषयों के अध्यापकों की पोस्टें लंबे समय से खाली पड़ी हैं।
अध्यापकों की कमी का सीधा असर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। स्कूल में वार्षिक परीक्षाएं महज दो महीने दूर हैं, लेकिन अभी तक सिलेबस पूरा नहीं हो पाया है। इससे विद्यार्थियों और अभिभावकों में भारी चिंता बनी हुई है।
6 महीनों से विभाग से कर रहे मिन्नतें
स्कूल प्रबंधक कमेटी के चेयरमैन अमनदीप सिंह ने बताया कि पिछले छह महीनों से वे हलके के विधायक और जिला शिक्षा अधिकारी को लिखित रूप में अध्यापकों की नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। दिसंबर की शुरुआत में चुनावों के चलते 31 दिसंबर तक गणित, साइंस और पंजाबी के अध्यापकों को डेपुटेशन पर भेजा गया था, लेकिन उनमें से केवल एक ही शिक्षक ने ज्वाइन किया है।
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11 कमरे जर्जर होने के कारण गिराने पड़े, बना एक भी नहीं
स्कूल की इमारत की हालत भी चिंताजनक है। 11 कमरे जर्जर होने के कारण गिरा दिए गए हैं और साइंस ग्रुप की कक्षाएं फिलहाल लाइब्रेरी के कमरों में लगाई जा रही हैं। स्कूल ऑफ एमिनेंस योजना के तहत नई इमारत का निर्माण फरवरी 2004 में शुरू होकर एक साल में पूरा होना था, लेकिन अब तक एक ईंट भी नहीं लगाई गई है।
कमेटी के सदस्यों अमनदीप सिंह, मनजीत सिंह और सरबजीत सिंह ने चेतावनी दी है कि यदि शिक्षा विभाग ने जल्द समस्याओं का समाधान नहीं किया तो वे इलाके की सभी संस्थाओं के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन करेंगे।
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