लापता 328 पावन स्वरूपों के दोषियों की गिरफ्तारी की मांग, सिख संगठनों ने पुलिस कमिश्नर के नाम सौंपा ज्ञापन
अमृतसर में सिख संगठनों ने 328 लापता पावन स्वरूपों के मामले में दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने पुलिस कमिश्नर को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें इ ...और पढ़ें

डीसीपी एवं एसआईटी सदस्य रविंदर सिंह संधू को ज्ञापन सौंपते हुए सिख संगठन।
जागरण संवाददाता, अमृतसर । श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 328 पावन स्वरूपों के लापता होने के मामले में दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब सत्कार कमेटी, सिख यूथ फेडरेशन भिंडरांवाला, सिख सद्भावना दल सहित अन्य सिख संगठनों के प्रतिनिधियों ने पुलिस कमिश्नर के नाम मांग पत्र सौंपा।
डीसीपी एवं एसआईटी सदस्य रविंदर सिंह संधू ने मांगपत्र लेकर उचित कार्रवाई का अश्वासन दिया है। इस अवसर पर सत्कार कमेटी के प्रधान भाई सुखजीत सिंह खोसे ने कहा कि शिरोमणि कमेटी के प्रबंध के दौरान लापता हुए 328 पावन स्वरूपों के मामले में दोषियों पर केस दर्ज करवाने के लिए सिख कौम को पांच वर्षों तक संघर्ष करना पड़ा।
अब जब हाईकोर्ट के आदेशों और बलदेव सिंह वडाला के प्रयासों से एफआईआर दर्ज हो चुकी है, तो पुलिस प्रशासन दोषियों को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रहा। सरकार केवल औपचारिकता निभाने के बजाय दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे और सिख कौम को न्याय दिलाए।
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एसआईटी मामले को लंबित न रखे
खोसा ने कहा कि एसआईटी इस मामले को लंबित न रखे, क्योंकि सिख समुदाय पहले ही काफी पीड़ा झेल चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि जैसे बरगाड़ी कांड में दोषियों को बचाया गया, उसी तरह शिरोमणि कमेटी 328 पावन स्वरूपों के दोषियों को बचाने का प्रयास कर रही है।
24 अक्टूबर 2020 को न्याय की मांग कर रहे पंथक संगठनों और संगतों पर शिरोमणि कमेटी द्वारा लाठीचार्ज किया गया। उनके केसों, ककारों और दस्तारों की बेअदबी की गई और संगठनों के नेताओं पर ही केस दर्ज करवा दिए गए।
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झूठे मुकदमे रद्द करने की रखी मांग
सुखजीत सिंह खोसे ने बताया कि उनके खिलाफ हत्या की धारा 302 के तहत दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं। उन्होंने मांग की कि सभी झूठे मामले तुरंत रद्द किए जाएं और संगत पर अत्याचार करने वाले शिरोमणि कमेटी अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
यह भी स्पष्ट किया जाए कि पावन स्वरूप किसने, किसे और किसके आदेश पर दिए थे तथा वर्तमान में वे किस स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि अब तक दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है और प्रशासन की ढिलाई के कारण आरोपी खुले घूम रहे हैं। यदि शीघ्र गिरफ्तारी नहीं हुई तो आरोपी अग्रिम जमानत लेकर कानून की पकड़ से बच सकते हैं।

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