BMC चुनाव: भाजपा की पहली लिस्ट में कोई मुस्लिम नहीं, गैर-मराठी पर कांग्रेस और NCP का फोकस
बीएमसी चुनाव के लिए भाजपा ने अपनी पहली सूची जारी की है, जिसमें कोई मुस्लिम उम्मीदवार शामिल नहीं है। वहीं, कांग्रेस और एनसीपी ने गैर-मराठी उम्मीदवारों ...और पढ़ें

बीएमसी चुनाव 2026 (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) चुनावों को लेकर भाजपा ने सोमवार को अपने 70 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। पहली सूची में बीजीपे ने अनुभव और युवा जोश का संतुलन साधते हुए कुछ मौजूदा पार्षदों के साथ नए चेहरों को भी मौका दिया है, लेकिन इस लिस्ट में एक भी मुस्लिम चेहरे को टिकट नहीं दिया है।ष
दरअसल, बीएमसी चुनाव 2026 में एक बार फिर 'मराठी बनाम गैर-मराठी' का पुराना जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। पार्टियों के टिकट बंटवारे को देखकर यह स्पष्ट हो रहा है कि टिकट बंटवारे में जाति, भाषा और वोट बैंक का गणित सबसे बड़ा फैक्टर बन गया है। एक ओर बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है, तो दूसरी ओर कांग्रेस ने 27% मुस्लिम चेहरों को टिकट दिया।
मराठी पर फोकस
शिवसेना (उद्धव ठाकरे) ने अपने पारंपरिक एजेंडे पर मजबूती बनाई हुई है और 75 उम्मीदवारों में से 66 टिकट मराठी चेहरों को दिए हैं। इससे यह साफ संकेत मिलता है कि उद्धव ठाकरे मुंबई में मराठी अस्मिता के सहारे अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं।
संतुलन साधने के प्रयास में बीजेपी
वहीं, बीजेपी इस बार संतुलन बनाने की कोशिश में है। पहली सूची में भाजपा 70% मराठी उम्मीदवारों को जगह दी है। इसका साफ मकसद मराठी और हिंदी भाषी वोटरों के बीच बैलेंस बनाए रखना है।
कांग्रेस और एनसीपी की गैर मराठी और मुस्लिम वोटरों पर नजर
वहीं, कांग्रेस इस चुनाव में बड़ी बदलाव की है। अपनी पहली सूची में कांग्रेस 58 % ऐसे उम्मीदवारों की टिकट दी है, जो गैर-मराठी तबके से आते हैं। वहीं, 41% मराठी उम्मीदवारों को टिकट दी है। ठीक इसी राह पर अजीत पवार की एनसीपी भी है, उसने उसने 40% टिकट गैर-मराठी चेहरों को दिए हैं। कांग्रेस और एनसीपी दोनों ही पार्टियां मुंबई के प्रवासी और कॉस्मोपॉलिटन वोटरों को साधने की कोशिश कर रही हैं।
बीजेपी और कांग्रेस में बड़ा अंतर
बीएमसी चुनाव 2026 में बीजेपी और कांग्रेस के टिकट बंटवारे में बड़ा अंतर देखने को मिल रहा है। बीजेपी की पहली सूची में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं है। वहीं, कांग्रेस ने 27% यानी 19 मुस्लिम चेहरों को टिकट दिया है। एनसीपी ने भी 24% मुस्लिम उम्मीदवारों को मौका दिया है। सबसे खास बात यह है कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने भी 6% मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देकर अपनी छवि में बदलाव का संकेत दे दिया है।

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