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Save Water की सीख देते हुए 'नेशनल वाटर म्यूजियम' बनाएगी सरकार, जल्द शुरु हो सकता है काम

नेशनल वाटर म्यूजियम में धरती पर पानी की उत्पत्ति से लेकर मनुष्य व अन्य जीवों में जल की मात्रा और प्रक्रियाओं को इंटरएक्टिव ढंग से पेश किया जाएगा।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 10:34 PM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 10:47 PM (IST)
Save Water की सीख देते हुए 'नेशनल वाटर म्यूजियम' बनाएगी सरकार, जल्द शुरु हो सकता है काम
Save Water की सीख देते हुए 'नेशनल वाटर म्यूजियम' बनाएगी सरकार, जल्द शुरु हो सकता है काम

हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। पानी बचाने की सीख देने और जल के संसार को वैज्ञानिक रूप से रोचक ढंग से समझाने के लिए मोदी सरकार एक अनूठा नेशनल वाटर म्यूजियम बनाने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के 'जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय' ने इस प्रस्तावित म्यूजियम का ब्लूप्रिंट तैयार करने की कवायद शुरु कर दी है।

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केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के सचिव यू पी सिंह ने दैनिक जागरण से कहा कि मंत्रालय प्रस्तावित नेशनल वाटर म्यूजियम पर विचार विमर्श करने के लिए 19 और 20 सितंबर को दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वर्कशॉप का आयोजन करने जा रहा है। इस वर्कशॉप में चर्चा के बाद नेशनल वाटर म्यूजियम का ब्लूप्रिंट तैयार किया जाएगा। इस वर्कशॉप में ग्लोबल नेटवर्क ऑफ वाटर म्यूजियम के सह संस्थापक और कार्यकारी निदेशक एरिबर्ट यूलिस, अहमदाबाद के विलिंग वाटर म्यूजियम की लीड क्यूरेटर सारा अहमद, यूनेस्को के नेचुरल साइंस विशेषज्ञ गाय ब्रुक और बांग्लादेश में एक्शन एड की पदाधिकारी सैयदा तहमीना फिरदौस सहित देश-विदेश से आए कई विशेषज्ञ भाग लेंगे।

एक साल के अंदर शुरू होगा काम

नेशनल वाटर म्यूजियम किस शहर में बनेगा अभी यह तो स्पष्ट नहीं है लेकिन सिंह का कहना है कि इसकी रूपरेखा तय होने के बाद जल्द ही इसके लिए जमीन तलाश कर एक साल के भीतर इसके बनाने की दिशा में कार्य शुरु कर दिया जाएगा।

सिंह ने कहा कि इस म्यूजियम में धरती पर पानी की उत्पत्ति से लेकर मनुष्य व अन्य जीवों में जल की मात्रा, जल की उनकी जरूरत से लेकर वैज्ञानिक तथ्यों और प्रक्रियाओं को इंटरएक्टिव ढंग से पेश किया जाएगा ताकि लोग जल के महत्व को समझकर उसे बचाने के प्रति जागरुक बन सकें। इसमें यह भी बताया जाएगा कि किस फसल को उगाने या किसी उत्पाद को बनाने में औसतन कितने पानी का इस्तेमाल होता है। यह अपने तरह का अनूठा म्यूजियम होगा।

भारत को छोड़ कर कई देशों में है वाटर म्यूजियम

गौरतलब है कि फिलहाल चीन जैसे देशों में वाटर म्यूजियम हैं। चीन के हांगजाऊ में नेशनल वाटर म्यूजियम ऑफ चाइना है। यह स्थानीय और विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहता है।

सूत्रों का कहना कि प्रस्तावित नेशनल वाटर म्यूजियम में जल प्रदूषण, भूल संरक्षण और नदियों के बारे में रोचक जानकारी मॉडल्स के माध्यम से प्रदर्शित की जाएगी। इसमें देश का वाटर बैलेंस यानी भारत में कितनी बारिश होती है और कितना जल बहकर चला जाता, इसका भी मॉडल रखा जाएगा। 

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