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बामड़ा में रुकेंगी दुर्ग-साउथपुर एक्सप्रेस समेत तीनों ट्रेनें

बामड़ा स्टेशन पर दुर्ग-दानापुर साउथ बिहार एक्सप्रेस राउरकेला भुवनेश्वर इंटरसिटी एक्सप्रेस

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Dec 2020 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 16 Dec 2020 07:00 AM (IST)
बामड़ा में रुकेंगी दुर्ग-साउथपुर एक्सप्रेस समेत तीनों ट्रेनें

संसू, बामड़ा : बामड़ा स्टेशन पर दुर्ग-दानापुर साउथ बिहार एक्सप्रेस, राउरकेला भुवनेश्वर इंटरसिटी एक्सप्रेस और हावड़ा-अहमदाबाद एक्सप्रेस ट्रेन के अप और डाउन की स्टॉपेज बहाली करने और बामड़ा में आरओबी निर्माण को लेकर मंगलवार को रेल परिचालन बाधित किया गया था। हालांकि, आंदोलन के करीब चार घंटे बाद एआरएम अजित पंडा ने रेल विभाग की और से एक माह के लिए रेलवे बोर्ड की सहमति मिलने तक ठहराव के बहाली का लिखित आश्वासन दिए जाने के बाद आंदोलन को स्थगित किया गया।

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आंदोलन के दौरान कुचिडा एसडीएम विश्वरंजन नायक, एसडीपीओ राजकिशोर मिश्र, झारसुगुड़ा रेलवे एआरएम अजित कुमार पंडा, संबलपुर के एडिशनल एसपी उग्रसेन प्रधान, आरपीएफ डिप्टी कमांडेंट राजीव उपाध्याय, बामड़ा तहसीलदार शारदा महाराणा समेत अन्य आला अधिकारी उपस्थित थे। बता दें, सोमवार को बामड़ा पीडब्ल्यूडी आईबी में रेल एक्शन कमेटी, कुचिडा विधायक किशोरचंद्र नायक, रेल विभाग के झारसुगुड़ा एआरएम अजित कुमार पंडा, कुचिडा एसडीएम विश्वरंजन नायक के साथ हुई घंटों लंबी बातचीत के बाद नतीजा नही निकलने पर मंगलवार की सुबह सुबह से लोग आंदोलन पर उतर आए थे। राउरकेला में राजधानी एक्सप्रेस, अहमदाबाद हावड़ा एक्सप्रेस, पार्सल एक्सप्रेस, झारसुगुड़ा में पार्सल एक्सप्रेस, टांगरमुंडा में राउरकेला भुवनेश्वर इंटरसिटी ट्रेन समेत विभिन्न स्टेशनों में दर्जनों गुड्स ट्रेन अटकी हुई थी। कुचिडा विधायक किशोरचंद्र नायक ने तीनों ट्रेनों के ठहराव का चक्रधरपुर रेल मंडल द्वारा जिला प्रशासन और जन प्रतिनिधियों से बिना सलाह के कोरोना काल में राजस्व न मिलने का बहाना दिखा कर ठहराव रद करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। भाजपा नेता रबी नारायण नायक ने चक्रधरपुर रेल डिवीजन द्वारा ओडिशा से करोड़ों रुपए राजस्व उगाही के बावजूद ओडिशा के लोगों के साथ सौतेला रवैया अपनाने पर आक्रोश जताया। आंदोलन में एक्शन कमेटी के अवाहक रमेश अग्रवाल समेत प्रदीप मिश्र, विष्णु अग्रवाल,अनुभव लाठ, गुड्डू जैन, खीरोद सा, समाजसेवी सुभाष नायक,सरपंच मीनाक्षी माझी समेत बड़ी तादाद में महिला और पुरुष आंदोलन में शामिल थे। शांति सृंखला बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में आरपीएफ, जीआरपी और स्टेट पुलिस बल मौजूद थे।


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