Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सुबह सवेरे खेत जा रहे किसान के लिए हाथी बना यमराज, पैरों तले कुचलकर दी दर्दनाक मौत, अचानक से आया सामने फिर...

    By Jagran NewsEdited By: Arijita Sen
    Updated: Mon, 16 Oct 2023 02:03 PM (IST)

    ओडिशा में इंसान और हाथियों में लगातार संघर्ष होने की खबरें सामने आ रही हैं। रविवार को ढेंकानाल जिले के ओडापाड़ा ब्लॉक से एक ऐसा ही मामला सामने आया। इस दौरान एक जंगली हाथी ने एक किसान को पैरों तले कुचलकर मार दिया। मृतक की पहचान रंजीत राउत के रूप में हुई है। वह सुबह-सुबह अपने खेत ही जा रहे थे।

    Hero Image
    ओडिशा में हाथी के हमले में एक किसान की मौत।

    संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल। ओडिशा में ढेंकानाल जिले के ओडापाड़ा ब्लॉक में रविवार को एक जंगली हाथी ने एक किसान को कुचलकर मार दिया। मृतक की पहचान रंजीत राउत के रूप में हुई है, जो ढेंकानाल में कांटाबानिया पुलिस सीमा के अंतर्गत मंगलपुर गांव का निवासी था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    खेत जाने के रास्‍ते किसान पर हाथी का हमला

    एक स्थानीय पुलिस अधिकारी के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से जंगली हाथियों का एक झुंड गांव और आसपास के इलाकों में फसलों को नष्ट कर रहा है।

    रविवार की सुबह 48 वर्षीय किसान रंजीत हाथियों के झुंड से फसलों को हुए नुकसान का मुआयना करने के लिए गांव के पास स्थित अपने धान के खेत में जा रहा था।

    इसी दौरान एक हाथी ने अचानक राउत पर हमला कर दिया और उसे कुचल कर मार दिया। इस संबंध में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया है।

    यह भी पढ़ें: Odisha News: आदिवासी लड़की ने किया पिता का अंतिम संस्कार, टूटी पुरानी परंपराओं की जंजीर

    हाथी और इंसान में टक्‍कर की लंबी है कहानी

    राज्य में मानव-हाथी संघर्ष के कारण हताहतों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। गौरतलब है कि हाल ही में वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रदीप कुमार अमात ने राज्य विधानसभा को बताया था कि पिछले पांच वर्षों में हाथियों के हमलों में कुल 602 लोग मारे गए। हाथियों ने इसी अवधि के दौरान 127 मवेशियों और अन्य घरेलू जानवरों को भी मार डाला और 9611 घरों को नष्ट कर दिया।

    सिर्फ इंसान ही नहीं, हाथियों की भी होती रही हैं मौतें

    इस बीच, रविवार को राज्य के सुंदरगढ़ जिले के कोइडा वन रेंज में कथित तौर पर एक हाथी का शव पाया गया। हाथी की मौत के पीछे की असली वजह अभी तक सामने नहीं आ पाया है।

    वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही मौत के सही कारणों की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। जानकारी के मुताबिक, 2015 से 2023 के बीच राज्य में अलग-अलग कारणों से 698 हाथियों की मौत हो चुकी है।

    यह भी पढ़ें: बिहार में इंसानों की जातीय गणना के बाद अब जानवरों की बारी, ओडिशा के सिमलीपाल में होगी बाघों की गिनती, तैयारी हुई पूरी