ओडिशा में दहशत: हाथियों के हमले में 3 की मौत, आखिर क्यों बना आई इंसान और गजराज के रिश्ते में खटास, जानें वजह
ओडिशा में हाथियों के हमले में लगातार लोगों की मौतें हो रही हैं। वन्य जीव अधिकारियों ने जब इस पर गौर फरमाया तो पता चला कि ऐसा बेवजह ही नहीं हो रहा है बल्कि इसके पीछे भी एक अहम वजह है।

अनुगुल, जागरण संवाददाता। ओडिशा में पिछले 24 घंटे के दौरान हाथियों के हमले की अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई। ढेंकनाल जिले के कामाख्या नगर में हाथी के हमले में दो लोगों की मौत हुई, जबकि कालाहांडी जिले में एक महिला को जंगली हाथी ने कुचल कर मार डाला।
इंसानों से सामना होते ही हाथी ने दी मात
पहली घटना में मृतकों की पहचान खलपाल गांव के अलेख नाईक और ढेंकनाल के गंदटेला साहि के बारी नाईक के रूप में हुई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आलेख पर हाथी ने घर के पिछवाड़े में उस समय हमला किया जब वह शनिवार की सुबह शौच के लिए जा रहे थे। बारी नायक को आज सुबह एक और हाथी ने मार डाला जब उसने उसे अपने गांव से भगाने की कोशिश की।
वनाधिकारियों ने शुरू कर दी जांच
वन अधिकारियों ने घटनास्थल पर जांच शुरू कर दी है। एक अन्य घटना में कालाहांडी जिले में शुक्रवार को एक 52 वर्षीय महिला को जंगली हाथी ने कुचल कर मार डाला। पुलिस के अनुसार, बागपुर गांव में महिला अपने खेत में कपास तोड़ रही थी, तभी एक हाथी ने उस पर हमला कर दिया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
हाथियों के हमले से लगातार हो रही हैं मौतें
गौरतलब है कि राज्य में अप्रैल 2019 और मार्च 2020 के बीच मानव-हाथी मुठभेड़ में 117 लोगों की मौत हुई, जो एक साल पहले दर्ज की गई 115 के आंकड़े को पार कर गया। यह आशंका जताई जा रही है कि राज्य में धान की कटाई के मौसम के दौरान मानव मृत्यु में और वृद्धि होगी। 2022 में ओडिशा में मानव-हाथी मुठभेड़ की 202 घटनाएं हुईं।
इस वजह से हाथियों को आ रहा गुस्सा
वन्य जीव विशेषज्ञों के अनुसार, हाथी इसलिए इंसानों की बस्ती में घुस रहे हैं क्योंकि जंगल में उनके लिए भोजन की धीरे-धीरे कमी होने लगी है। ऐसे में धान एवं अन्य कृषि उपजों की तलाश में ये जंगल से बाहर आ रहे हैं और इनका सामना इंसानों से हो रहा है।
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