जेल से रिहा नहीं होगा मुंबई हमले का आरोपी लखवी
पाकिस्तान की एक अदालत ने गुरुवार को लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशन और 26/11 मुंबई हमले के आरोप में जेल में बंद जकीउर्रहमान लखवी को जमानत दे दी। हालांकि उसे जेल से रिहा नहीं किया गया है। अदालत ने एक अन्य मामले में उसे जेल में ही रखने का निर्देश दिया है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की एक अदालत ने गुरुवार को लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशन और 26/11 मुंबई हमले के आरोप में जेल में बंद जकीउर्रहमान लखवी को जमानत दे दी। हालांकि उसे जेल से रिहा नहीं किया गया है। अदालत ने एक अन्य मामले में उसे जेल में ही रखने का निर्देश दिया है।
लखवी को जमानत दिए जाने के बाद भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई, जिसके बाद पाकिस्तान ने अपनी गलती मानी। इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय से बयान जारी करके कहा गया कि तकनीकी गलती की वजह से लखवी को जमानत मिल गई है। बयान में कहा गया कि पाकिस्तान सरकार लखवी की जमानत का विरोध करेगी और इस फैसले को पाक सरकार चुनौती देगी। पाकिस्तान सरकार लकवी को जमानत के खिलाफ लाहौर हाईकोर्ट में अपील करेगी।
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आपको बता दें कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के कमांडर और 26/11 हमले के मुख्य आरोपियों में से एक जकीउर रहमान लखवी को गुरुवार को पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधी अदालत (एटीसी) ने जमानत दे दी। गौरतलब है कि 'डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को लखवी को एटीसी ने लखवी को 5,00,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी। लखवी सहित सात लोगों पर 26/11 हमले की साजिश रचने और इसमें मदद करने का आरोप है। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे।
भारत को मंजूर नहीं लखवी की जमानत
लखवी को जमानत दिए जाने के बाद पाकिस्तान को भारत की तीखी प्रतिक्रियाओं का शिकार होना पड़ा है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि लखवी को जमानत देने की जिम्मेदार पाकिस्तान सरकार ही है। सरकारी पक्ष ने ही केस में कमी रखी। जबकि भारत ने उसके खिलाफ पाकिस्तान को सारे सबूत दिए हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि भारत मुंबई आतंकी हमले के प्रमुख साजिशकर्ता और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की फेहरिस्त में अंतरराष्ट्रीय आतंकी करार दिए गए व्यक्ति को जमानत पर रिहा किए जाने को कतई स्वीकार नहीं कर सकता।
उन्होंने इस बात पर हैरानी भी जताई कि यह फैसला पेशावर में 132 बच्चों के आतंकियों के हाथों कत्ल होने के महज दो दिन बाद आया है। ऐसे फैसले से आतंकियों का हौसला बढ़ेगा। उन्होंने पाकिस्तान से इस फैसले को पलटने के लिए तत्काल जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया। इस बीच सूत्रों के अनुसार इस फैसले को बदलवाने के आग्रह के साथ इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग पाकिस्तान सरकार के साथ संपर्क में है।