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    New Year 2026: नए साल में टेक्सटाइल सेक्टर की बल्ले-बल्ले, क्या है सरकार का प्लान?

    By RAJEEV KUMAREdited By: Sakshi Gupta
    Updated: Thu, 25 Dec 2025 08:36 PM (IST)

    टेक्सटाइल सेक्टर के उद्यमियों का मानना है कि प्रयासों से नया साल टेक्सटाइल का साल होगा। निर्यात में कमी आई है, लेकिन वर्तमान माहौल उनके पक्ष में है। क ...और पढ़ें

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    पिछले 10 सालों में टेक्सटाइल सेक्टर के निर्यात में कोई इजाफा नहीं

    राजीव कुमार, नई दिल्ली। टेक्सटाइल सेक्टर से जुड़े उद्यमियों का मानना है कि पिछले कुछ सालों के प्रयास की बदौलत नया साल 2026 टेक्सटाइल का साल होगा। पिछले एक दशक में टेक्सटाइल सेक्टर के निर्यात में कोई इजाफा नहीं हुआ है।

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    वित्त वर्ष 2014-15 में टेक्सटाइल सेक्टर का निर्यात 41 अरब डालर का था, जो गत वित्त वर्ष 2024-25 में घटकर 38 अरब डालर रह गया। टेक्सटाइल सेक्टर से जुड़े गारमेंट का निर्यात वित्त वर्ष 2014-15 में 17 अरब डालर था जो गत वित्त वर्ष 2024-25 में 16 अरब डालर रहा।

    2026 में बढ़ेगा टेक्सटाइल सेक्टर

    टेक्सटाइल सेक्टर में काटन, यार्न, फैबरिक व गारमेंट शामिल होता है। देश में कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार देने वाले इस सेक्टर में पिछले 10 सालों में विभिन्न कारणों से कोई तेजी नहीं दिखी जबकि देश का कुल निर्यात 2014-15 में 314 अरब डालर से बढ़कर 2024-25 में 440 अरब डालर तक पहुंच गया।टेक्सटाइल सेक्टर से जुड़े उद्यमियों का कहना है कि वर्तमान माहौल उनके पक्ष में दिख रहा है।

    काटन जैसे कच्चे माल की सस्ते दाम पर उपलब्धता, प्रोडक्शन ¨लक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के तहत उत्पादन विस्तार का मौका, श्रम संहिता में बदलाव, कम ब्याज पर लोन की सुविधा और सबसे बड़ी बात कि पांच साल में सात देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते से टेक्सटाइल के निर्यात के लिए बड़ा बाजार तैयार होने जा रहा है।

    अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (एईपीसी) के महासचिव मिथिलेश्वर ठाकुर कहते हैं, 'नए साल में ब्रिटेन, ओमान व न्यूजीलैंड के साथ होने वाले व्यापार समझौते पर अमल शुरू हो जाएगा। अगले साल यूरोपीय यूनियन से भी व्यापार समझौता हो जाएगा। इन देशों के बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धा बांग्लादेश, टर्की जैसे देशों से है। व्यापार समझौते से यह प्रतिस्पर्धा समाप्त हो जाएगी।

    अगले साल से नई श्रम संहिता के पूरी तरह से अमल में आने से रात के शिफ्ट में महिलाएं काम कर सकेंगी जिससे उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी।'' इन सबके अलावा मध्य प्रदेश व उड़ीसा जैसे राज्य भी टेक्सटाइल उद्यमियों को अलग से कई इंसेंटिव दे रहे हैं। इन सबकी मदद से नए साल में टेक्सटाइल सेक्टर में एक नई शुरुआत देखने को मिल सकती है।

    विभिन्न सुधारों से होगी नई शुरुआत

    कनफेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष संजय जैन कहते हैं, 'मौजूदा अनुकूल माहौल से अगले सात साल में टेक्सटाइल सेक्टर का निर्यात दोगुना हो सकता है। आगामी जनवरी-फरवरी तक अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते की उम्मीद है और उसके बाद गारमेंट व मेड-अप्स जैसे आइटम के निर्यात को नई ऊंचाई मिल सकती है।'

    उद्यमियों ने बताया कि पिछले एक-डेढ़ साल में बैंक से मिलने वाले लोन की ब्याज दर में 1.5 प्रतिशत की कमी आई है। क्रेडिट गारंटी स्कीम की वजह से लोन मिलना आसान हो गया है। कई राज्य टेक्सटाइल के लिए अलग सब्सिडी दे रहे हैं। उद्यमियों का कहना है कि सिर्फ अगला साल ही नहीं, पूरा दशक टेक्सटाइल का हो सकता है।

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