एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्यों को SC से राहत, मणिपुर पुलिस को दिया कार्रवाई नहीं करने का निर्देश
Supreme Court सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (Editor Guild of India) के चार सदस्यों के खिलाफ मणिपुर (Manipur Violence) में दर्ज दो मामले में गिरफ्तारी से सुरक्षा बढ़ा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर पुलिस से एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामले के संबंध कोई सख्त नहीं उठाने का निर्देश दिया है।
नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (Editor Guild of India) के चार सदस्यों के खिलाफ मणिपुर (Manipur Violence) में दर्ज दो मामले में गिरफ्तारी से सुरक्षा बढ़ा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर पुलिस से एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामले के संबंध कोई सख्त नहीं उठाने का निर्देश दिया है। बता दें कि चार सदस्यों के खिलाफ मणिपुर में दो मामले दर्ज किए गए थे। इन मामलों में कार्रवाई को लेकर उन्होंने सुरक्षा की मांग की थी।
शुक्रवार को होगी मामले में सुनवाई
CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की याचिका पर छह सितंबर को पारित आदेश के लागू रहने की अवधि शुक्रवार तक बढ़ाती है। इस मामले में आगे सुनवाई शुक्रवार से होगी।
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क्या बोले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्यों को कुछ और समय के लिए सुरक्षा प्रदान की जा सकती है और इस मामले को अन्य मामलों की तरह मणिपुर हाई कोर्ट में भेजा जाए।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में किया विरोध
वहीं, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और श्याम दीवान ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलीलें रखीं। उन्होंने विरोध करते हुए कहा कि मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में ही होनी चाहिए। क्योंकि फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट (Fact-Finding Report) के आधार पर FIR दर्ज की गई है।
इस पर पीठ ने कहा कि इस मामले में हम सुनवाई शुक्रवार को करेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उस दिन राज्य सरकार के जवाब पर विचार किया जाएगा।
क्या है आरोप?
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बीते चार सितंबर को बताया था कि एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और तीन सदस्यों के खिलाफ एक शिकायत के आधार पर मणिपुर पुलिस ने दर्ज किया है। उनके खिलाफ राज्य में हिंसा को भड़काने की कोशिश का आरोप है।
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