भुजबल दो दिनों की ED हिरासत में, सीएम ने कहा- सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ
करोड़ों रुपये के महाराष्ट्र सदन घोटाला केस में महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल को कोर्ट ने दो दिनों के लिए प्रवर्तन निदेेशालय हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले उन्हें कोर्ट में पेश करते हुए ईडी ने कोर्ट से भुजबल की तीन दिनों की पुलिस रिमांड की मांग
मुंबई। करोड़ों रुपये के महाराष्ट्र सदन घोटाला केस में महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल को कोर्ट ने दो दिनों के लिए प्रवर्तन निदेेशालय हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले उन्हें कोर्ट में पेश करते हुए ईडी ने कोर्ट से भुजबल की तीन दिनों की पुलिस रिमांड की मांग की थी।
विधानसभा में इस मुद्दे पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी। भुजबल की गिरफ्तारी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि ईडी को जांच में उनके खिलाफ सुबूत मिले हैं। सीएम ने कहा कि विपक्ष जांच एजेंसी पर दबाव डालने के लिए इस सदन का इस्तेमाल करेगी तो यह अच्छा नहीं है।
इससे पहले भुजबल ने कहा था कि दिल्ली में महाराष्ट्र सदन के निर्माण के फैसले में कैबिनेट व मुख्यमंत्री को विश्वास में लिया गया था। उन्होंने कहा कि उन पर लगे सभी आरोप गलत हैं। पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा 'खोदा पहाड़ लेकिन चूहा भी नहीं निकलेगा'।
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने भुजबल का बचाव करते हुए कहा कि पूरे प्रोजेक्ट के लिए एक कमेटी बनी थी जिसके मुखिया खुद मुख्यमंत्री थे। निर्माण की मंजूरी समिति ने ही दी थी। इस बीच पार्टी के विधायकों ने सरकार की इस कार्रवाई पर विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
आपको बता दें कि भुजबल को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले वो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए थे। भुजबल की गिरफ्तारी पर भाजपा सांसद किरीट सौमैया ने कहा कि आखिरकार उनकी गिरफ्तारी हो ही गई। अब सिंचाई घोटाले में एनसीपी के एक और कद्दावर नेता अजीत पवार और सुनील तटकरे की बारी है। एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने कहा कि भुजबल की गिरफ्तारी भाजपा के प्रतिशोध का नतीजा है। उन्होंने कहा कि हम इसके खिलाफ अदालती लड़ाई लड़ेंगे।
सोमवार को करीब ग्यारह बजे छगन भुजबल ईडी के दक्षिणी मुंबई के बेल्लार्ड पियर ऑफिस पहुंचे। उनके पहुंचते ही वहां पर काफी तादाद में पहले से खड़े एनसीपी कार्यकर्ताओं ने ईडी दफ्तर के सामने नारे लगाने शुरू कर दिए। जिसके बाद पुलिस ने वहां पर कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। हालांकि, पुलिस पहले से ये मानकर चल रही थी कि छगन भुजबल के पहुंचने पर एनसीपी के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर सकते हैं। इसलिए वहां पर पहले से ही मुंबई पुलिस की तरफ से निषेधाज्ञा लागू कर दिया गया था। इसके तहत प्रवर्तन निदेशालय दफ्तर के अंदर या बाहर पांच से अधिक लोगों के एक साथ मौजूद रहने पर पाबंदी थी।
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गौरतबल है कि पिछले हफ्ते ईडी के तरफ से छगन भुजबल को 14 मार्च को पेश होने के समन भेजा गया था। छगन भुजबल के भतीजे समीर भुजबल को ईडी ने पिछले महीने की एक तारीख को प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही, एजेंसी ने छगन भुजबल के बेटे पंकज भुजबल से भी पूछताछ की थी।
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ईडी ने पंकज का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया था ताकि वो देश छोड़कर ना जाए। ईडी का आरोप है कि काले धन को वैध बनाने के इस घोटाले में छगन भुजबल का महत्वपूर्ण रोल है जिसके चलते राज्य को करीब 870 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है। उसके बावजूद भुजबल सही तथ्यों के साथ एजेंसी के सामने नहीं आ रहे हैं।
ईडी का आरोप है कि भुजबल की कई ऐसी कंपनियां है जिसके जरिए कई संदेहास्पद लेनदेन हुआ है जिसका कोई ब्यौरा उस फर्म के पास नहीं है। ईडी का ये भी आरोप है कि भुजबल ने प्रोजेक्ट के कांट्रैक्टर से अवैध तरीके से फर्म के जरिए पैसे लिए थे और उसे व्यवासायिक लेन-देन का हिस्सा बताया गया।
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