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जानिए छगन भुजबल के खिलाफ क्या है पूरा मामला

महाराष्ट्र सदन घोटाला मामले में राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम और एनसीपी नेता छगन भुजबल को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है। ईडी ने पिछले साल 17 जून को छगन भुजबल के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्टप के तहत मामला दर्ज किया था।

By Manish NegiEdited By: Published: Mon, 14 Mar 2016 10:28 PM (IST)Updated: Mon, 14 Mar 2016 10:45 PM (IST)
जानिए छगन भुजबल के खिलाफ क्या है पूरा मामला

नई दिल्ली। महाराष्ट्र सदन घोटाला मामले में राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम और एनसीपी नेता छगन भुजबल को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है। ईडी ने पिछले साल 17 जून को छगन भुजबल के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्टप के तहत मामला दर्ज किया था। दिल्ली में बने महाराष्ट्र सदन घोटाला मामले में उनको गिरफ़्तार किया गया है।

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क्या है पूरा मामला?

ईडी ने पिछले साल 17 जून को छगन भुजबल के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। इसके पहले महाराष्ट्र एसीबी ने भुजबल की 26 संपत्तियों की जांच की थी। भुजबल के डिप्टी सीएम और पीडब्ल्यूडी मंत्री रहते हुए 2006 में 100 करोड़ के तीन प्रोजेक्ट के कांट्रेक्ट चमनकर एंटरप्राइजेज को देने के मामले में एसीबी जांच कर रही है।

भुजबल पर आरोप है कि उन्होंने नियमों की अनदेखी कर कॉन्ट्रेक्ट दिया। इसके बदले में भुजबल के परिवार की कंपनियों और ट्रस्ट को रिश्वत दी गई। 2012 में भाजपा नेता किरीट सोमैया ने महाराष्ट्र सदन केस में भुजबल के खिलाफ एसीबी जांच की मांग की। 11 जून 2015 को एसीबी ने छगन भुजबल समेत 16 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।

तीन दिन बाद भुजबल पर कलिना में लाइब्रेरी निर्माण का ठेका देने के मामले में अनियमितता बरतने के मामले में एक और एफआईआर दर्ज की गई। भुजबल और उनके परिवार के खिलाफ नौ आरोप हैं।

इस मामले में पूर्व मंत्री के भतीजे समीर को गिरफ्तार किया जा चुका है। फिलहाल समीर यहां की कड़ी सुरक्षा वाली आर्थर रोड जेल में बंद है। मामले में गत महीने प्रवर्तन निदेशालय ने भुजबल के बेटे पंकज से भी पूछताछ की थी।

क्या है महाराष्ट्र सदन घोटाला?

मामला नई दिल्ली में महाराष्ट्र सदन की नई बिल्डिंग के कन्स्ट्रक्शन को लेकर है।

आरोप है कि कन्स्ट्रक्शन के ठेके देने में गड़बड़ियां हुई थीं। मनमाने तरीके से कंपनियों को ठेके दिए गए।

ये सभी कंपनियां भुजबल फैमिली के मेंबर्स ने बनाई या उनके नियंत्रण में थीं।

बता दें कि दिल्ली में इस भवन को बनाने में 100 करोड़ रुपए की लागत आई थी।

पढ़े : मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने छगन भुजबल को किया गिरफ्तार


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