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    केंद्र में 25-30 साल तक भाजपा सरकार चाहता है संघ, कहा- अपनी सांस्कृतिक पहचान पर खड़ा हो रहा भारत

    By Jagran NewsEdited By: Anurag Gupta
    Updated: Sat, 16 Sep 2023 10:19 PM (IST)

    मोदी सरकार संघ के एजेंडे पर न सिर्फ काम कर रही है बल्कि खरी भी उतर रही है। चूंकि संघ के लिए राज सत्ता समाज के बदलाव का साधन है इसलिए संघ चाहता है कि केंद्र में अगले 25-30 साल तक भाजपा की सरकार बनी रहे। संघ के सह सरकार्यवाह से पूछा गया कि भाजपा के करीब साढ़े नौ साल के शासनकाल का आकलन संघ की दृष्टि से कैसा है।

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    संघ के सह सरकार्यवाह डा. मनमोहन वैद्य (फोटो: एएनआई)

    ओमप्रकाश तिवारी, पुणे। मोदी सरकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे पर न सिर्फ काम कर रही है, बल्कि खरी भी उतर रही है। चूंकि संघ के लिए राज सत्ता समाज के बदलाव का साधन है, इसलिए संघ चाहता है कि केंद्र में अगले 25-30 साल तक भाजपा की ही सरकार बनी रहे।

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    पुणे में तीन दिन चली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की समन्वय बैठक में संघ के सभी शीर्ष पदाधिकारियों के साथ भाजपा समेत उसके 36 आनुषंगिक संगठनों के पदाधिकारी एवं प्रतिनिधि मौजूद रहे। बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी में संघ का प्रतिनिधित्व करने वाले महासचिव बीएल संतोष मौजूद रहे।

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    बैठक के तीसरे दिन शनिवार को प्रेसवार्ता में जब संघ के सह सरकार्यवाह डा. मनमोहन वैद्य से पूछा गया कि भाजपा के करीब साढ़े नौ साल के शासनकाल का आकलन संघ की दृष्टि से कैसा है, तो वैद्य ने तत्काल उत्तर दिया कि सरकार की दिशा सही है, लेकिन अपेक्षित परिणाम के लिए इसका 25-30 वर्षों का शासनकाल होने की आवश्यकता है। पिछले कई वर्षों की घटनाओं को सुधारने में वक्त तो लगेगा ही। उन्होंने कहा,

    इस शासनकाल में भारत अपनी सांस्कृतिक पहचान पर खड़ा हो रहा है। देश की विदेश नीति, रक्षा नीति, शिक्षा नीति, इन सब क्षेत्रों में बड़े बदलाव आए हैं और इन्हें सारा विश्व महसूस कर रहा है। ये बदलाव भारत की सांस्कृतिक धरोहर को प्रकट कर रहे हैं।

    क्या कुछ बोले डा. मनमोहन वैद्य?

    डा.वैद्य कहते हैं कि इन बदलावों का आभास दुनिया को 2014 का लोकसभा चुनाव परिणाम आते ही हो गया था, तब इंग्लैंड से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र संडे गार्डियन ने अपने संपादकीय में लिखा था कि भारत में ब्रिटिश राज का अंत सही मायनों में अब हो गया है। केवल संघ ही नहीं, संघ परिवार से जुड़े सभी संगठनों के एजेंडे पर मोदी सरकार ने अपने दो शासनकाल में सफलतापूर्वक काम किया है।

    एक ओर सांस्कृतिक विरासत के आधार पर पहचान बनाए रखना तो दूसरी तरफ दुनिया से कदमताल करते हुए उसके साथ चलने लायक आर्थिक नीतियां बनाकर उन्हें लागू करना, मोदी सरकार ये संतुलन साधने में सफल रही है। अनुच्छेद 370, अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण, भारत की सांस्कृतिक पहचान एवं युवा भारत की आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा नीति का निर्माण और समान नागरिक संहिता आदि संघ के बहुत पुराने मुद्दे रहे हैं।

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    2014 में मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में इन सभी दिशाओं में धीरे-धीरे कदम बढ़ाए गए और 2019 में दोबारा सत्ता में आते ही अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया। श्रीराम मंदिर का निर्माण प्रारंभ कर दिया और नई शिक्षा नीति भी लागू कर दी। सिर्फ केंद्र ही नहीं, संघ के मन मुताबिक एजेंडों पर भाजपा शासित राज्य सरकारों ने भी अमल किया है। इसका लाभ संघ के सभी 36 आनुषंगिक संगठन महसूस कर रहे हैं। यही कारण है कि संघ इस गति पर अ‌र्द्धविराम नहीं लगने देना चाहता।

    नाम न उजागर करने की शर्त पर संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी बेहिचक कहते हैं कि आज भाजपा संगठनात्मक दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक दल बन चुका है। वन बूथ - टेन यूथ और पन्ना प्रमुख जैसी गतिविधियों के बल पर वह स्वयं देश में हर वर्ग के बड़े मतदाता वर्ग तक पहुंचने में सक्षम है। यदि उसकी इस ताकत में आज संघ और संघ से जुड़े सभी 35 आनुषंगिक संगठन भी अपनी-अपनी पूरी ताकत लगा दें तो भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव में 350 सीटों का लक्ष्य आसान हो सकता है।

    'अपमानजनक बयान देने से पहले सनातन धर्म की परिभाषा समझें'

    डा. मनमोहन वैद्य ने कहा कि कुछ लोग सनातन धर्म को खत्म करने की बात कर रहे हैं, लेकिन क्या ये लोग इन सभी शब्दों का असली मतलब जानते हैं? उन्हें इन शब्दों का इस्तेमाल करने से पहले सनातन धर्म की परिभाषा समझनी चाहिए। उन्होंने कहा,

    सनातन का अर्थ शाश्वत है जो भारत की आध्यात्मिक जीवन शैली का आधार है और जो आंतरिक रूप से समग्र है। इसी से भारत के व्यक्तित्व को आकार मिला है।

    'एक आध्यात्मिक लोकतंत्र है भारत'

    उन्होंने कहा कि भारत एक आध्यात्मिक लोकतंत्र है। हाल ही में द्रमुक के वरिष्ठ नेता उदयनिधि स्टालिन और ए राजा ने दावा किया था कि सनातन धर्म ने समाज में विभाजन पैदा किया है और इसे डेंगू, मलेरिया और कोरोना वायरस की तरह खत्म किया जाना चाहिए। द्रमुक नेताओं की टिप्पणियों को राजनीतिक बताते हुए उन्होंने कहा कि इतिहास के दौरान कई लोगों ने सनातन धर्म को खत्म करने की कोशिश की है, लेकिन असफल रहे।

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    उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने कहा था कि जब भी धर्म पर संकट आएगा, वह इसे मजबूत करने के लिए आएंगे। संघ उसी रास्ते पर चल रहा है। इसके साथ ही कहा कि ऐसा कोई देश नहीं है जिसके दो नाम हों, इसीलिए भारत को भारत कहा जाना चाहिए।