RSS की समन्वय बैठक में अनुषांगिक संगठन साझा करेंगे अपनी योजनाएं, सरसंघचालक मोहन भागवत होंगे शामिल
पुणे में गुरुवार से शुरू हो रही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठनों की समन्वय बैठक में सभी संगठन अपनी-अपनी योजनाएं साझा करेंगे और उन्हें कार्यान्वित करने की साझा रणनीति पर भी चर्चा होगी। बैठक में संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत एवं सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले सहित सभी सह सरकार्यवाह शामिल रहेंगे। भाजपा की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं संगठन महासचिव बीएल संतोष भाग लेंगे।

राज्य ब्यूरो, मुंबई। पुणे में गुरुवार से शुरू हो रही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के अनुषांगिक संगठनों की समन्वय बैठक में सभी संगठन अपनी-अपनी योजनाएं साझा करेंगे और उन्हें कार्यान्वित करने की साझा रणनीति पर भी चर्चा होगी। यह जानकारी पुणे में आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने एक पत्रकार वार्ता में दी।
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बैठक में कौन-कौन होंगे शामिल?
बैठक में संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) एवं सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले (Dattatreya Hosabale) सहित सभी सह सरकार्यवाह शामिल रहेंगे। भाजपा की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं संगठन महासचिव बीएल संतोष भाग लेंगे।
उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवक एक तरफ अपनी शाखा कार्यों के माध्यम से राष्ट्र की सेवा में लगे हैं, दूसरी ओर संघ से प्रेरणा लेकर अनेक संगठन जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। ये सब काम भी सेवा एवं राष्ट्र निर्माण के लिए ही हैं।
समन्वय समिति में 266 प्रतिनिधि ले रहे हिस्सा
इस प्रकार के कार्यों में लगे 36 संगठनों के 266 प्रतिनिधि इस समन्वय बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। ये सभी संगठन तीन दिन की बैठक में अपने अनुभवों को साझा करेंगे और अपनी भविष्य की योजनाएं भी सामने रखेंगे। ताकि महत्वपूर्ण योजनाओं को सभी संगठन मिलकर आगे बढ़ा सकें।
पिछले साल रायपुर में हुई थी बैठक
आंबेकर के अनुसार, पिछले वर्ष समन्वय समिति की बैठक छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुई थी। वहां लिए गए कुछ निर्णयों की समीक्षा भी की जाएगी।
सुनील आंबेकर के अनुसार, इस प्रकार की बैठक का उद्देश्य समाज के सामने खड़ी चुनौतियों से निपटने की योजना बनाना और मिलकर उस दिशा में काम करना होता है। चूंकि, यहां आने वाले संगठनों के प्रतिनिधि वर्षों से अपने-अपने क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। इसलिए वह अपने अनुभव साझा करते हैं, जिससे अन्य संगठनों को सीखने का अवसर मिलता है।
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आंबेकर के अनुसार, इस बार के सम्मेलन में सामाजिक क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती सहभागिता एवं समाज में चर्चा का विषय बन रहे विभिन्न वैचारिक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श होगा।
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