Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हिंद महासागर में अब चीन की खैर नहीं! INS तुशिल भारतीय नौसेना में शामिल; दुश्मन को तबाह करने की खूबियों से लैस

    Updated: Tue, 10 Dec 2024 09:52 AM (IST)

    INS Tushil News हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा हुआ है। रूस ने आईएनएस तुशिल को भारतीय नौसेना को सौंप दिया है। यह विमान दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखने वाली खूबियों समेत आधुनिक मिसाइलों से लैस होगा। हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी से निपटने में भी मदद मिलेगी। आइए जानते हैं इसकी खुबियां...

    Hero Image
    INS Tushil: रूस ने भारत को सौंपा आईएनएस तुशिल युद्धपोत। ( फोटो- एएनआई )

    पीटीआई, नई दिल्ली। रूस द्वारा निर्मित गाइडेड मिसाइल युद्धपोत आईएनएस तुशिल को सोमवार को भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और अन्य वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों की उपस्थिति में इस जहाज को रूस के तटीय शहर कैलिनिनग्राद में भारतीय नौसेना को सौंपा गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत को मिलेंगे चार टोही युद्धपोत

    आईएनएस तुशिल के आने से हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की परिचालन क्षमता और ताकत जबर्दस्त ढंग से बढ़ेगी। पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में चीनी नौसेना (पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी) के बढ़ते हमले देखे गए हैं। यह युद्धपोत मॉस्को के साथ वर्ष 2016 में दिल्ली द्वारा किए गए 250 करोड़ डॉलर के सौदे के तहत भारतीय नौसेना को मिलने वाले चार टोही युद्धपोतों में से एक है।

    भारत में दो युद्धपोतों को होगा निर्माण

    सौदे के तहत दो युद्धपोतों का निर्माण रूस में किया जाएगा, जबकि अन्य दो को भारत में बनाया जाएगा। इस दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि यह समुद्र में भारत की बढ़ती क्षमता का गौरवपूर्ण क्षण होने के साथ रूस के साथ दीर्घकालिक संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह जहाज रूसी और भारतीय उद्योगों के सहयोगात्मक कौशल का बड़ा सबूत है। भारत और रूस अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष खोज और आतंकरोधी क्षेत्रों में एक-दूसरे की विशेषज्ञता से लाभ लेते हुए सहयोग के एक नए दौर में पहुंचेंगे।

    भारतीय विशेषज्ञों की निगरानी में तैयार हुआ युद्धपोत

    125 मीटर लंबे 3,900 टन वजनी यह युद्धपोत अत्याधुनिक तकनीक और निर्माण के श्रेष्ठ मानकों को ध्यान में रखते हुए निर्मित किया गया है। इसकी नई डिजाइन जहाज की टोही विशेषताओं और स्थायित्व को मजबूत बनाती है। कैलिनिनग्राद में इस जहाज के निर्माण पर भारतीय विशेषज्ञों की टीम द्वारा लगातार करीबी से नजर रखी गई।

    आइएनएस तुशिल की खूबियां

    • यह रूसी जहाजों के क्रिवाक श्रेणी की तीसरी पीढ़ी का अत्याधुनिक युद्धपोत है।
    • इस श्रेणी के सभी युद्धपोतों में यूक्रेन के जोर्या नाशप्रोएक्ट का इंजन है।
    • इसका कोड नेम प्रोजेक्ट 1135.6 रखा गया है।
    • यह ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस है।
    • वर्टिकल लांच वाली लंबी रेज की सरफेस-टू-एयर मिसाइलें।
    • हवा और सतर में मार करने वाली मध्यम रेज की अत्याधुनिक मिसाइलें।
    • रडार से बचने के अत्याधुनिक फीचर्स।
    • नजदीक के निशानों के लिए आप्टिकली-कंट्रोल्ड रैपिड फायर गन।
    • एंटी सबमरीन टारपीडो और राकेट।
    • अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर और कम्युनिकेशन सिस्टम
    • एडवांस्ड गैस टर्बाइन प्रपलशन प्लांट से लैस।
    • 30 नाट तक की रफ्तार में जाने की क्षमता।
    • अपनी श्रेणी के बेहतरीन कंट्रोल्स।

    यह भी पढ़ें: असद के भागते ही सीरिया पर इजरायल का बड़ा हमला, 3 एयरबेस पर की बमबारी; दर्जनों विमान व हेलीकॉप्टर तबाह

    यह भी पढ़ें: दुनियाभर में 'पुष्पा' का आतंक, वाइल्ड फायर बनकर हिला दिया इन सितारों का सिंहासन