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JNU में राहुल के तेवर, बोले-आवाज दबाने वाले सबसे बड़े राष्ट्र द्रोही

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जेएनयू में छात्रों के संबोधित किया। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आवाज दबाने वाले सबसे बड़े राष्ट्र विरोधी हैं।

By Atul GuptaEdited By: Sun, 14 Feb 2016 09:00 AM (IST)
JNU में राहुल के तेवर, बोले-आवाज दबाने वाले सबसे बड़े राष्ट्र द्रोही

नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जेएनयू में छात्रों के संबोधित किया। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आवाज दबाने वाले सबसे बड़े राष्ट्र विरोधी हैं। जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की रिहाई की मांग को लेकर धरना दे रहे छात्रों का राहुल गांधी ने समर्थन किया। राहुल ने कहा कि जितनी ताकत से आवाज दबाई जाएगी वो उतना ही मजबूत होगी।

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने काले झंडे दिखाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुझे गर्व है कि मेरे देश में ये हक मिला है कि काले झंडे दिखाएं।

इससे पहले जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की शुक्रवार को हुई गिरफ्तार के विरोध में चल रहे प्रदर्शन में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी पहुंचे। वहां पर राहुल गांधी को एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए और राहुल गांधी वापस जाओ के नारे लगाए।

इस दौरान कैंपस में प्रदर्शन कर रहे छात्रों और शिक्षकों के बीच कांग्रेस नेता अजय माकन और आनंद शर्मा भी पहुंचे थे। जबकि, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट महासचिव सीताराम येचुरी के साथ सीपीआई नेता डी.राजा भी कैंपस में पहुंचे थे।

गौरतलब है कि जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने के मामले में विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी हुई है। इसके विरोध में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई नेता डी. राजा और जेडीयू के नेताओं ने आज गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर छात्रों पर पुलिस कार्रवाई को लेकर बात की। जिसके बाद गृहमंत्री ने किसी भी निर्दोष पर पुलिस कार्रवाई ना करने का उन्हें आश्वासन दिया।

इसके साथ ही, मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने जेएनयू विवाद को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। येचुरी ने केजरीवाल से पूरे विवाद पर स्वतंत्र मजिस्ट्रेटी जांच कराने की मांग की। येचुरी ने कहा कि केन्द्र सरकार को पूरे मामले पर साक्ष्य जरुर प्रस्तुत करना चाहिए और ये तभी संभव हो पाएगा जब इसकी स्वतंत्र जांच की जाएगी।

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इस बीच, भाजपा सांसद महेश गिरी ने आरोप लगाया है कि जो लोग देश विरोधी नारे लगा रहे थे उनमें डी. राजा की बेटी अपराजिता राजा भी शामिल थी। गृहमंत्री से मुलाकात के बाद येचुरी ने पुष्टि की कि सरकार ने जिन बीस छात्रों की सूची बनाई है, उनमें डी. राजा की बेटी भी शामिल है। वहीं डी. राजा ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि यह सब बेबुनियाद है। मेरी और मेरी बेटी की देशभक्ति पर कोई सवाल खड़ा नहीं कर सकता।

येचुरी ने कहा कि हमने देश के उच्च संस्थानों में आरएसएस की सोच लागू करने की कोशिश की जा रही है। हमने गृहमंत्री से मिलकर मांग की है कि मामले में बेकसूर लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। जो लोग नारे लगा रहे थे और जिन लोगों पर देशद्रोह का आरोप लगा है, वो दोनों अलग हैं।

उन्होंने वीडियो की सत्यता पर सवाल उठाते हुए कहा कि उसमें डी राजा की बेटी के होने की बात भी कही जा रही है, लेकिन यह कौन साबित करेगा की वो फुटेज सही है। पहले तो यह साबित किया जाए कि यह घटना वहां हुई है। हमने गृहमंत्री से कहा है कि यह घटना इमरजेंसी के हालातों से भी बदतर है। उन्होंने आश्ववासन दिया है कि मामले में बेगुनाहों पर कार्रवाई नहीं होगी।

इससे पहले कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी पर कड़ा विरोध जाहिर करते हुए सीताराम येचुरी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा था कि जेएनयू में ऐसा क्या हुआ है जिसकी वजह से दिल्ली पुलिस जेएनयू परिसर के हॉस्टलों में रहने वाले छात्रों को जबरदस्ती गिरफ्तार करने लगी है। ऐसा कर केंद्र सरकार देश में एक अघोषित आपातकाल जैसी स्थिति बना रही है।

इस मामले पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को लरामपुर, सिद्धार्थनगर और महराजगंज जिलों में दिए अपने संबोधन में कहा था कि कि भारत विरोधी नारा लगाने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, उन्होंने ये भी कहा था कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में भारत विरोधी नारे लगाने में जो लोग भी शामिल हैं उनके खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। छात्रसंघ अध्यक्ष को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।

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जानिए, क्या है जेएनयू का ये पूरा विवाद?

9 फरवरी को जेएनयू में वामपंथी और दलित संगठनों से जुड़े छात्रों ने संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी मनाई इसमें कश्मीर के छात्र भी शामिल थे। इसके लिए कैंपस में एक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी किया गया था इस दौरान देश विरोधी नारे भी लगाए गए।

जेएनयू प्रशासन इस बात की जांच शुरू कर चुका है कि आखिर इजाजत नहीं मिलने के बाद भी कैंपस में अफजल गुरु की बरसी का कार्यक्रम कैसे आयोजित हुआ? ये पहला मौका नहीं है जब देश की इस नामी यूनिवर्सिटी में इस तरह की देश विरोधी हरकत हुई है। अफजल गुरु की फांसी के वक्त भी यहां विरोध प्रदर्शन देखने को मिले थे।