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जेएनयू विवाद: पुलिस ने गृहमंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट में कहीं ये बातें

9 फरवरी को जेएनयूू कैंपस में हुई घटना को लेकर दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को विस्तृत रिपोर्ट सौंप दी ही। इस रिपोर्ट में पुलिस ने सिलसिलेवार तरीके से पूरी घटना का जिक्र किया है। पढ़िए क्या है दिल्ली पुलिस की इस रिपोर्ट में...

By Atul GuptaEdited By: Published: Sat, 13 Feb 2016 12:33 PM (IST)Updated: Sat, 13 Feb 2016 04:21 PM (IST)
जेएनयू विवाद: पुलिस ने गृहमंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट में कहीं ये बातें

नई दिल्ली। 9 फरवरी को जेएनयू कैंपस में हुई पूरी घटना पर दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट में सिलसिलेवार तरीके से पूरी घटना का कुछ इस तरह बताया है।

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पुलिस ने गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट

9 फरवरी को साढ़े चार बजे हमें प्रमुख सुरक्षा अधिकारी नवीन यादव ने फोन किया। इस दौरान यादव ने उनसे जेएनयू विद्यार्थी परिषद के संयुक्त सचिव सौरभ कुमार के एक पत्र का जिक्र किया जोकि उन्होंने छात्र कल्याण विभाग के डीन को लिखा गया था। इस पत्र के साथ ही एक पोस्टर को भी संलग्न किया गया था।

प्रदर्शन के लिए छपे पोस्टर का किया जिक्र

पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक पोस्टर में लिखा गया था कि कश्मीरी लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों और आत्मसम्मान के लिए आवाज उठाने वाले अफजल गुरू और मकबूल भट्ट के सम्मान में 9 फरवरी शाम पांच बजे साबरमती ढाबे पर विरोध की एक सांस्कृतिक शाम का आयोजन किया गया है जिसमें आप आमंत्रित हैं।

अफजल गुरू और मकबूल भट्ट के सम्मान में आयोजन
पोस्टर में आगे लिखा गया है कि इस कार्यक्रम के दौरान एक फोटो प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है जिसमें कश्मीर पर नियतंत्र का इतिहास और लोगों के संघर्ष को दिखाया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक जांच के दौरान जो नाम सामने आए हैं वो हैं अरिनबन, अंजली अनवेश, अश्वति, भवन, कोमल, रियाज, रूबिना, उमर और समा।

रिपोर्ट के मुताबिक जेएनयू के वाइस चांसलर को देश विरोधी नारे लगाने वाले छात्रों के नामों की लिस्ट भेजी जा चुकी है और उनसे कहा गया है कि वो उन्हें पुलिस के सामने लेकर आएं। इनमें से उमर खालिद और कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किया जा चुका है।

कैंपस में लगे देश विरोधी नारे- रिपोर्ट

रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इस मामले की जांच के दौरान सामने आया है कि कैंपस में देश विरोधी नारे लगाए गए। साथ ही साथ अफजल गुरू और मकबूल भट्ट के समर्थन में भी नारेबाजी की गई।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है चीफ सुरक्षा अधिकारी नवीन यादव के फोन के बाद पुलिस ने सिविल ड्रेस में सिपाही करमवीर और सिपाही धरमवीर को कैंपस में भेजा।

इसके बाद 9 फरवरी को शाम सात बजकर पच्चीस मिनट पर पीसीआर को जेएनयू कैंपस में दो गुटों के बीच लड़ाई की कॉल मिली जिसमें कहा गया कि कैंपस में तनाव की स्थिति बनी हुई है और कैंपस में और ज्यादा जवानों को तैनात किया जाना चाहिए। कॉल मिलने के बाद इंस्पेक्टर सनद सिंह रावत, सब इंस्पेक्टर मनोज, सब इंस्पेक्टर प्रदीप और सिपाही प्रतिमा कैंपस के लिए रवाना हुए।

कन्हैया और उमर कर रहे थे भीड़ का नेतृत्व- रिपोर्ट

रिपोर्ट के मुताबिक कन्हैया और उमर खालिद करीब 80 से 90 लोगों की भीड़ का नेतृत्व करते हुए ढाबे की तरफ बढ़ रहे थे। वहीं सौरभ कुमार शर्मा भी करीब 40 से 50 लोगों के साथ आगे बढ़ रहे थे जिनमें 10 लड़कियां भी थीं। इस दौरान जेएनयू सुरक्षा स्टाफ और पुलिस दोनों के बीच दूरी बनाए रखने की कोशिश कर रहे थे। रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान घटनास्थल पर मीडिया की भी मौजूदगी थी।

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